NIA की पूछताछ में खुलासा; शराब कारोबारी को मारने भेजे थे बदमाश
अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारों को NIA की टीम जयपुर लेकर आई है। NIA की टीम लॉरेंस विश्नोई के दोनों गुर्गों से सोडाला थाने में पूछताछ कर रही है। पिछले 4-5 दिन से चल रही पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं।
दरअसल, हरमाड़ा थाना इलाके में 11 मार्च को पकड़े गए हथियारबंद 3 बदमाश जयपुर में एक शराब कारोबारी का मर्डर करने आए थे। बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि इनको सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारे रोहित राठौड़ ने शराब कारोबारी को मारने का टास्क दिया था।
सिग्नल ऐप के जरिए बदमाशों को दिया हत्या का टास्क
अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गोगामेड़ी के हत्यारों को जयपुर के एक शराब कारोबारी का मर्डर करवाना था। इसके लिए अनमोल विश्नोई गैंग के एक गुर्गे ने बदमाश उर्वेश मीणा और आकाश बंजारा की बात सिग्नल ऐप के जरिए रोहित राठौड़ से करवाई थी।
शराब कारोबारी की हत्या का टास्क मिलने पर तीनों बदमाश उर्वेश मीणा (23) पुत्र हरसहाय मीणा निवासी भोटवाडा महावीरजी (करौली), कुश अग्रवाल (22) पुत्र श्याम सुंदर निवासी महावीरजी (करौली) और आकाश बंजारा (25) पुत्र वेदप्रकाश निवासी हरदुआगंज इलाका, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) हथियार लेकर जयपुर आए थे।
हरमाड़ा (जयपुर) पुलिस ने इनको पकड़ लिया था। तलाशी में इन बदमाशों से एक पिस्तौल, एक देसी कट्टा, 7 कारतूस मिले। पुलिस ने बदमाशों की स्कूटी को भी जब्त किया था। पुलिस के पीछा करने के दौरान 2 बदमाश उर्वेश और आकाश गड्ढे में गिरकर चोटिल हो गए थे।
बदमाशों के खुलासे के बाद NIA की टीम हरकत में आई
सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों बदमाशों से पूछताछ के बाद NIA की टीम हरकत में आई और करीब 4-5 दिन पहले अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद आतंकवादी लॉरेंस विश्नोई के गुर्गों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को लेकर जयपुर आई। यहां सोडाला थाने में इन हत्यारों से पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से सोडाला थाने को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया है। थाने के मेन गेट को बंद करने के साथ ही टेंट लगाकर थाने को ढक दिया गया है।
होटल में ठहर कर की थी शराब कारोबारी की रेकी
तीनों बदमाश शराब कारोबारी की हत्या के लिए हथियार उत्तर प्रदेश से लेकर आए थे। इन बदमाशों ने कुछ दिन होटल में रुक कर शराब कारोबारी के घर और ठिकानों की रेकी की थी। रेकी के बाद हत्या कर भागने की पूरी प्लानिंग की गई थी।
अपनी गिरफ्तारी से 1 सप्ताह पहले बदमाश शराब कारोबारी की हत्या के लिए निकले थे। रेकी किए गए ठिकाने पर पहुंचने पर शराब कारोबारी नहीं मिला तो इनको बिना हत्या किए ही वहां से निकलना पड़ा था।