ED ने कहा था- जानबूझकर आम-मिठाई खा रहे, ताकि शुगर बढ़े और बेल मिले
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार 18 अप्रैल को आरोप लगाया था कि वे जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए।
केजरीवाल ने राऊज एवेन्यु कोर्ट में शुगर लेवल की रेगुलर जांच और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉक्टर से परामर्श की याचिका लगाई थी। इस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी, रमेश गुप्ता ने और ED की तरफ से जोहेब हुसैन ने दलीलें दीं।
सिंघवी ने कोर्ट में बताया कि केजरीवाल के घर से 48 बार खाना आया, उसमें से केवल 3 बार ही आम आए थे। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद ED से अपना जवाब दाखिल करने कहा। साथ ही फैसला 22 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
सिंघवी – केजरीवाल की ताजा अर्जी की कॉपी ईडी को दे दी गई है।
हुसैन- हम जवाब दाखिल करना चाहेंगे। इसके लिए बहुत कम समय लेंगे।
गुप्ता- ईडी का इससे क्या लेना-देना है? यह हमारे और जेल अधिकारियों और कोर्ट के बीच का मामला है।
सिंघवी- ये सब जानते हैं कि उन्हें डायबिटीज है। 22 साल से उन्हें हर दिन इंसुलिन मिलता है। गिरफ़्तारी से काफी पहले एक इंसुलिन रिवर्सल शुरू हुआ।
सिंघवी- इसकी बहुत बारीकी से निगरानी करनी होगी। मैं जेल में रूटीन फॉलो नहीं कर पा रहा हूं। मैंने बार-बार कहा है कि केवल मेरा डॉक्टर ही इसकी बारीकी से जांच कर सकता है।
मेरी सिर्फ यही अपील है कि मुझे अपने डॉक्टर से परामर्श करने की परमिशन दी जाए।
सिंघवी- ED मीडिया ट्रायल चाहती है। 8 अप्रैल के बाद से केजरीवाल को आम नहीं भेजे गए हैं। आम को चीनी की गोलियों की तरह बताया गया। आम में शुगर ब्राउन राइस या सामान्य चावल की तुलना में कम शक्कर होती है। केजरीवाल अपनी चाय में शुगर फ्री यूज करते हैं।
ED कितनी छोटी हो सकती है। उनके आरोप झूठे हैं। सिर्फ इसलिए कि आपका मीडिया में बहुत असर है। आप यह पब्लिश करवाने में सक्षम हैं कि मैं आलू पूड़ी खा रहा हूं, भले ही यह खाना एक बार पूजा के दौरान भेजा गया था।