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किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट के तार बांग्लादेश और नेपाल से जुड़ रहे


फर्जीवाड़े के बारे में सर्जन को भी पता था, जयपुर में एसीबी ने 5 घंटे पूछताछ की

अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) में लेनदेन और फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में एसीबी को फोर्टिस और ईएचसीसी की भूमिका संदिग्ध मिली है। एसीबी को जानकारी मिली है कि इस फर्जीवाड़े में फोर्टिस हॉस्पिटल के सर्जन को भी पता था। इस पर एसीबी ने मंगलवार को फोर्टिस के सर्जन डॉक्टर संदीप गुप्ता और असिस्टेंट भानूप्रताप को ऑफिस बुलाया। दोनों से करीब 5 घंटे अलग-अलग पूछताछ की गई। इसके बाद दोनों को वापस भेज दिया। दोनों से कहा गया है कि राजस्थान न छोड़ें।

जानकारी अनुसार, एसीबी ने सर्जन से किडनी ट्रांसप्लांट के संबंध में पूछताछ की है। एसीबी को शक है कि कई जानकारी अभी भी छिपाई जा रही है। इसलिए एसीबी ने दोनों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं। जिन्हें जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा।

एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि ने बताया- दोनों के जब्त मोबाइल को आज एफएसएल जांच करवाने के लिए भेजा जाएगा। वहीं, ईएचसीसी से पकड़े गए ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को भी सोमवार को टीम हॉस्पिटल लेकर गई थी। जहां पर आरोपी से कई बिन्दुओं पर पूछताछ की गई। कुछ सर्जन को एसीबी ने पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया हैं। ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले के तार हरियाणा, बांग्लादेश, कंबोडिया और नेपाल से जुड़ रहे है।

क्या है मामला

दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए थे।

कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया थे। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।

एसीबी ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर मांगा रिमांड

फर्जी एनओसी मामले में रिमांड पर चल रहे तीनों आरोपियों का 8 दिन का रिमांड खत्म हो चुका है। इन तीनों आरोपी गौरव सिंह, अनिल जोशी व विनोद सिंह को सोमवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड लिया गया है। आज एसीबी गौरव सिंह को एसएमएस अस्पताल लेकर जाएगी। जहां पर विभाग से जुड़े हुए अधिकारियों के सामने गौरव से सवाल जवाब होंगे। बताया जा रहा है कि सील किए गए कमरे को भी एसीबी आज अपने सामने खोलेगी। फिर वहां रखे हुए कुछ दस्तावेजों की जांच करेगी।


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