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कोलकाता रेप-मर्डर केस, मेडिकल कॉलेज के 50 डॉक्टर्स का इस्तीफा


जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल के सपोर्ट में उठाया कदम, कल देशभर में अनशन

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को सामूहिक इस्तीफे दिए गए। 50 सीनियर डॉक्टर्स ने आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में रिजाइन कर दिया। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में कई डिपार्टमेंट और उनके हेड्स की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में इस्तीफा देने का फैसला लिया गया। एक सीनियर मेंबर ने कहा, ‘जूनियर डॉक्टर्स एक मकसद के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं। हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं और यह संदेश देने के लिए हमने इस्तीफे दिए हैं।’ छह जूनियर डॉक्टरों के आमरण अनशन का आज चौथा दिन है। उन्होंने कहा कि हम किसी बाहरी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।

डॉक्टरों ने पहले 5 मांगे रखी थीं, इनमें सरकार ने 3 पूरे किए

जूनियर डॉक्टरों ने रेप-मर्डर घटना के खिलाफ 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की थी। डॉक्टरों ने सरकार के सामने पहले 5 मांगें रखी थीं। इनमें से सरकार ने 3 मांगें मान लीं। CM ममता ने दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी थी। वे अस्पतालों में काम पर लौट गए थे। 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया, जिससे नाराज होकर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को फिर से हड़ताल शुरू कर दी।

5 अक्टूबर से अनशन, 9 को देशभर में भूख हड़ताल

जूनियर डॉक्टर 5 अक्टूबर की शाम से आमरण अनशन पर बैठे हैं। वे हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने समेत 9 मांगों पर अड़े हैं। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों को समर्थन देने का ऐलान किया है। FAIMA ने कहा कि 9 अक्टूबर को देशभर में डॉक्टर्स भूख हड़ताल करेंगे। बंगाल सरकार ने कहा है कि सरकार अपने सभी वादे पूरी कर रही है। ममता सरकार ने डॉक्टरों से अनशन खत्म करने की अपील की है।

CBI बोली- ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ

ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में CBI ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। इसमें जांच एजेंसी ने ट्रेनी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका को नकार दिया है। एजेंसी का कहना है कि वारदात को संजय रॉय ने अकेले अंजाम दिया था। करीब 100 गवाहों के बयानों और 12 पॉलीग्राफ टेस्ट करने के बाद CBI इस नतीजे पर पहुंची। पुलिस ने संजय को घटना के अगले दिन 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीड़ित की अर्धनग्न डेडबॉडी मिली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि विक्टिम की दोनों आखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। गर्दन की हड्डी भी टूटी थी।

हालांकि संजय अब तक खुद को बेगुनाह बता रहा है। संजय को पुलिस ने CCTV फुटेज से पहचाना था। फुटेज में वह 9 अगस्त की सुबह 4 बजे सेमिनार हॉल में अंदर जाता दिखाई दिया। इस दौरान उसने कानों में इयरफोन लगाया हुआ था। करीब 40 मिनट बाद वह हॉल से बाहर निकला तो उसके पास इयरफोन नहीं था। पुलिस को क्राइम सीन पर एक ब्लूटूथ इयरफोन मिला था, जो उसके फोन से कनेक्ट हो गया था।


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