सुप्रीम कोर्ट बोला- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी; पुलिस की भूमिका पर भी संदेह
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। CBI ने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी। इससे पहले CJI ने कहा- डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें डॉक्टरों ने कहा है कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है। हम इसे आज अपने आदेश में जोड़ देंगे।
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CJI: मिस्टर सिब्बल ने कहा कि इस कोर्ट ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि राज्य अपनी शक्ति का वैधानिक रूप से उपयोग नहीं कर सकता। कोर्ट ने राज्य को कानून द्वारा सौंपी गई वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करने से नहीं रोका है, लेकिन हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में बाधा नहीं डाली जाएगी और राज्य आरजी कर घटना के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
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CJI: डॉक्टर्स और अन्य पक्षकारों की ओर से कई वकीलों ने अपना पक्ष रखा। पहले निर्णय लिया गया था कि नेशनल टास्क फोर्स सभी पक्षकारों से परामर्श करेगा। इस प्रकार हम आशा और विश्वास करते हैं कि प्रभावित होने वाले सभी हितधारकों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों की बात सुनी जाएगी। वकीलों ने कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए हैं जैसे कि इमरजेंसी कॉल सिस्टम, इंस्टीट्यूशनल FIR दर्ज करना और मुआवजा संकट निधि का गठन करना। एनटीएफ को इन सभी पर विचार करना चाहिए।हम भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को निर्देश देते हैं कि वे मंत्रालय की वेबसाइट पर एक पोर्टल खोलें, जहां सभी पक्षकार समिति के सामने अपने सुझाव रख सकें।
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CJI: मौत की जांच सीबीआई को करने दीजिए और तोड़फोड़ की जांच कोलकाता पुलिस को करने दीजिए। हमने कभी नहीं कहा कि सामान्य कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा। केवल इतना कहा कि केवल विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तारी न करें।
हमें सीबीआई और कोलकाता पुलिस की स्थिति रिपोर्ट मिल गई है। कोलकाता पुलिस विरोध-प्रदर्शन के बाद छात्रावास में हुई तोड़फोड़ की जांच कर रही है। रिकॉर्ड से पता चलता है कि आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का अनुरोध एसीजेएम सियालदह को सौंपा गया है और यह प्रोसेस में है। एसीजेएम सियालदह 23 अगस्त, 2024 को शाम 5 बजे से पहले इस आवेदन पर आदेश पारित करेंगे।
एसजी ने सिब्बल से कहा- लड़की की जान चली गई, हंसिए तो मत
एसजी कोर्ट में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने सिब्बल को हंसते हुए देखा तो एसजी ने कहा- एक लड़की की जान चली गई है। कम से कम हंसिए तो मत।