बस तारीखें मिल रहीं; हम क्यों प्रोटेस्ट कर रहे, CM को पता नहीं
जगह- कोलकाता का आरजी कर हॉस्पिटल। तारीख 21 अक्टूबर। रात का वक्त था। हॉस्पिटल से कुछ दूर एक टेंट लगा है। यहां मौजूद लोग नारे लगा रहे थे। एक तरफ 8 डॉक्टर लेटे थे। वे बीते 16 दिन से भूख हड़ताल पर थे। अनशन 14 डॉक्टरों ने शुरू किया था, लेकिन 6 डॉक्टर हालत बिगड़ने की वजह से हॉस्पिटल में हैं। उनका इलाज क्रिटिकल केयर यूनिट में चल रहा है।
डॉक्टरों का ये प्रोटेस्ट आरजी कर हॉस्पिटल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद शुरू हुआ था। 21 अक्टूबर को 17 जूनियर डॉक्टरों का पैनल CM ममता बनर्जी से मिलने पहुंचा। शाम 5 बजे शुरू हुई मीटिंग दो घंटे तक चली। रात 10 बजे डॉक्टरों ने कहा कि हम भूख हड़ताल खत्म कर रहे हैं। डॉक्टरों ने ये भी कहा कि मीटिंग में सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन विक्टिम की फैमिली और लोग चाहते हैं कि हम हड़ताल खत्म कर दें। इसलिए भूख हड़ताल खत्म कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शन चलता रहेगा।
42 दिन धरना दिया, 5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर थे
हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर को दो महीने से ज्यादा वक्त बीत गया। घटना के बाद 9 अगस्त से जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठ गए थे। इस आंदोलन से देशभर के डॉक्टर जुड़े। अस्पतालों में हड़तालें हुईं। 42 दिन के प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को हड़ताल खत्म की और काम पर लौट गए। दो हफ्ते बाद 5 अक्टूबर से डॉक्टर फिर प्रदर्शन पर बैठ गए। इस बार भूख हड़ताल शुरू की। ये हड़ताल कोलकाता के धर्मतला-एस्प्लेनेड में चल रही थी। हमने भूख हड़ताल खत्म होने से पहले कुछ जूनियर डॉक्टरों से बात की। ये प्रदर्शन पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के बैनर तले चल रहा है। यहां मिले डॉ. अभिषेक साहू बताते हैं कि हमारी 10 मांगें हैं। हम इन्हीं के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
हालांकि, डॉक्टरों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। वे कहते हैं कि हम बार-बार अपनी मांगें सरकार तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन CM को पता ही नहीं है कि हम प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं। रेप और मर्डर का आरोपी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय जेल में है। घटना के वक्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष भी जेल में हैं। उनके करीबी डॉक्टरों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया, पुलिस अफसर सस्पेंड हुए। केस अभी कोर्ट में है। अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। डॉक्टरों का कहना है कि केस बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है।
ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर का केस कहां तक पहुंचा
9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक ट्रेनी डॉक्टर की डेड बॉडी मिली थी। पोस्टमॉर्टम से पता चला कि मर्डर से पहले डॉक्टर से रेप किया गया था। आरोप है कि शुरुआत में हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने घटना को सुसाइड बताने की कोशिश की। इसमें प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध थी। यहीं से संदीप घोष पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया। हॉस्पिटल में वित्तीय गड़बड़ी और करप्शन के आरोप में CBI ने संदीप घोष के अलावा डॉ. देबाशीष सोम और डॉ. सुजाता घोष को गिरफ्तार कर लिया। सितंबर में संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। 15 अक्टूबर की सुनवाई में CBI की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि केस की जांच ‘बहुत गंभीरता’ से चल रही है। इस दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार से सिविक वॉलंटियर्स की भर्ती, तैनाती और उनके काम के बारे में बताने का आदेश दिया। साथ ही सिविक वॉलंटियर्स को स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों से हटाने के लिए के निर्देश दिए।
CBI की जांच कहां तक पहुंची है
अब तक की जांच में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय ही मुख्य आरोपी है। CBI को मिली CCTV फुटेज में संजय रॉय सेमिनार हॉल के अंदर जाते और बाहर निकलते दिखा है। फोरेंसिक एविडेंस के आधार पर CBI ने संजय रॉय के खिलाफ 58 दिन बाद 45 पेज की पहली चार्जशीट दायर की है। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ये केस कोलकाता पुलिस से CBI को ट्रांसफर कर दिया था। 14 सितंबर को CBI ने सबूतों से छेड़छाड़ और मामले को रफा-दफा करने के आरोप में संदीप घोष और तलाल पुलिस स्टेशन के प्रभारी रहे अभिजीत मोंडोल को अरेस्ट किया था। अभिजीत को घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया था।