बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी-गुलाब लगाए; CBI आज पूर्व प्रिंसिपल को कोर्ट में पेश करेगी
कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार सुबह पुलिस हेडक्वॉर्टर्स के बाहर धरना दिया। जूनियर डॉक्टर पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, CBI ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। हॉस्पिटल से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में आज CBI संदीप घोष को कोर्ट में पेश करेगी।
डॉक्टरों ने रात भर प्रदर्शन किया
डॉक्टर्स ने सोमवार 2 सितंबर को पुलिस हेडक्वॉर्टर लालबाजार तक रैली निकाल रहे थे। इसमें आम लोग भी शामिल थे। पुलिस ने उन्हें हेडक्वॉर्टर से आधा किमी पहले बीबी गांगुली स्ट्रीट पर ही बैरिकेडिंग करके रोक दिया गया था।
रात भर पुलिस की टुकड़ी बैरिकेड के दूसरी तरफ पहरे पर रही। बैरिकेड को जंजीरों से बांधकर और पैडलॉक लगाकर रेलिंग लगाई गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी और लाल गुलाब लगा दिए। उनका कहना था इससे पुलिस काे जनता के लिए उसका फर्ज याद दिलाने की कोशिश की गई है।
डॉक्टर बोले- पुलिस हमसे डरी हुई है
डॉक्टरों ने सोमवार दोपहर करीब 2 बजे लालबाजार की तरफ मार्च शुरू किया था। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर गोयल की तस्वीरें थीं और उनके इस्तीफे की मांग की गई थी। बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर का पुतला भी जलाया। डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने रेप-मर्डर केस की जांच में शुरू से ही लापरवाही की है।
धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने PTI से कहा- हम यहां धरने पर नहीं बैठने वाले थे। हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस इतनी डरी हुई है कि हमें रोकने के लिए 9 फीट ऊंचा बैरिकेड लगा देगी। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचने और कमिश्नर से मिलने की परमिशन नहीं दी जाती। हम तब तक यहीं बैठे रहेंगे।
BJP सांसद पहुंचे तो लगाए गो बैक के नारे
सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और मौजूदा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय भी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के लिए विरोध स्थल पर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें देखकर हंगामा कर दिया, साथ ही गो बैक के नारे लगाए। इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि उन लोगों ने मुझे गलत समझा है, मैं यहां आम नागरिक के रूप में उनका साथ देने के लिए आया हूं। मैं उनके खिलाफ नहीं हूं।