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उदयपुर में पिछले दो चुनाव से कम वोटिंग


झाडोल में सबसे ज्यादा 72.67 फीसदी मतदान, विश्लेषक बोले- जीत का मार्जिन होगा कम

उदयपुर लोकसभा सीट के दूसरे चरण में हुए मतदान को लेकर नेताओं, कार्यकर्ताओं से लेकर जनता में उत्साह और जोश था लेकिन शाम बाद जैसे मतदान के आंकड़े सामने आए तो कम वोटिंग ने नेताओं की चिंता बढ़ा दी।

पिछले साल के लोकसभा चुनाव में उदयपुर में 70 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़ा लेकिन इस बार आंकड़ा 65 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाया है। यहीं नहीं पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव से भी मतदान प्रतिशत घटा है।

झाडोल में सबसे ज्यादा 72.67% मतदान

उदयपुर लोकसभा सीट के मतदान प्रतिशत के आंकड़ों के अनुसार संसदीय क्षेत्र में 64.01 प्रतिशत मतदान हुआ। सर्वाधिक 72.67% झाडोल में और सबसे कम सलूंबर में 56.40% मतदान हुआ। नेता और आमजन मतदान प्रतिशत कम होने के सब अपने अपने मायने निकाल रहे है। परिणाम चार जून को आने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि सांसद किस पार्टी का बनेगा।

2009 में 50 प्रतिशत वोट भी नहीं पड़े तो कांग्रेस जीती

2009 के चुनाव में मतदान बहुत कम हुआ था। यहां पर कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा ने भाजपा के महावीर भगोरा को 1.64 लाख वोट से हराया था।

2024 में क्या होगा

इस बार वोटिंग 65 प्रतिशत भी नहीं रहा। वोटिंग कम होने को लेकर दोनों दलों के प्रत्याशी और कार्यकर्ता अलग-अलग कारण मानते है। झाड़ोल में ज्यादा वोटिंग से कांग्रेसी यह कयास लगा रहे है कि कांग्रेस उम्मीदवार ताराचंद मीणा ने कलेक्टर रहते मिशन कोटड़ा अभियान चलाया था, उसका फायदा होगा जबकि भाजपा का मानना है कि वहां की जनता ने ज्यादा वोटिंग कर जवाब दिया है।


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