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नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में दो लोगों को उम्रकैद


मास्टरमाइंड माने जा रहे डॉक्टर तावड़े समेत 3 बरी; पुणे की कोर्ट ने 11 साल बाद फैसला सुनाया

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में 11 साल बाद शुक्रवार (10 मई) को कोर्ट का फैसला आया है। पुणे में CBI की स्पेशल कोर्ट के एडिशनल सेशन जज पीपी जाधव ने आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड में कुल 5 आरोपी थे। इनमें डॉक्टर विरेंद्र सिंह तावड़े, विक्रम भावे और संजीव पुनालेकर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इनमें तावड़े, अंदुरे और कालस्कर जेल में हैं, जबकि पुनालेकर और भावे जमानत पर हैं। 20 अगस्त, 2013 को पुणे के महर्षि विट्ठल रामजी ब्रिज पर दो बाइक सवार अपराधियों ने दाभोलकर की गोली मारकर हत्या की थी। वीरेंद्र तावड़े पर दाभोलकर की हत्या की ​​साजिश रचने का आरोप था। वह हत्याकांड का मास्टरमाइंड माना जा रहा था।

दाभोलकर के बाद अगले 4 साल में 3 और हत्याएं हुईं
दाभोलकर की हत्या के बाद अगले चार साल में तीन अन्य कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई थीं। फरवरी 2015 में कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे और उसी साल अगस्त में कन्नड़ स्कॉलर और लेखक एमएम कलबुर्गी की कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद सितंबर 2017 में पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। CBI को शक था कि दाभोलकर और अन्य तीन हत्याओं में शामिल अपराधी एक-दूसरे से जुड़े हुए थे।

2016 में दाभोलकर केस में पहली गिरफ्तारी हुई
पुणे पुलिस ने दाभोलकर हत्या मामले की शुरुआती जांच की थी। 2014 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच करने के आदेश दिए। CBI ने 10 जून, 2016 को मामले में पहली गिरफ्तारी करते हुए ENT सर्जन डॉ वीरेंद्र सिंह तावड़े को पकड़ा था। तावड़े को 2015 में पानसरे हत्याकांड मामले में पहले भी गिरफ्तार किया गया था। CBI ने 2016 में बताया था कि दाभोलकर और पानसरे की हत्या में एक ही बाइक और हथियार का इस्तेमाल किया गया था।

CBI ने 2019 में दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया
जांच एजेंसी ने 26 मई 2019 को सनातन धर्म से जुड़े वकील संजीव पुनालेकर और उसके साथी विक्रम भावे को गिरफ्तार किया। इन दोनों पर साजिशकर्ताओं का साथ देने के आरोप लगे। इस तरह दाभोलकर केस में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। पुनालेकर ने कालस्कर को हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल को ठिकाने लगाने की सलाह दी थी। कालस्कर ने ठाणे में एक खाड़ी में पिस्तौल फेंकी थी। भावे ने शूटरों के लिए इलाके की रेकी की थी।पुनालेकर को 5 जुलाई 2019 को जमानत पर रिहा किया गया था।


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