महिलाओं को हर महीने ₹3 हजार, युवाओं को ₹4 हजार; जातिगत जनगणना का वादा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार (6 नवंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू किया। उन्होंने मुंबई में संविधान सम्मान सभा में महाविकास अघाड़ी की पांच गारंटी बताईं। इसमें महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपए, युवाओं के लिए हर महीने 4 हजार रुपए की मदद, किसानों का 3 लाख रुपए तक का कर्जा माफ करना शामिल है। इससे पहले उन्होंने नागपुर में कहा कि देश में जाति जनगणना होगी और इससे दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि सभी को पता चल जाएगा कि उनके पास कितनी शक्ति है और हमारी भूमिका क्या है। हम 50% (आरक्षण सीमा) की दीवार भी तोड़ देंगे। कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। उसने 103 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है।
राहुल का आरोप- RSS-BJP संविधान पर छिपकर हमला करते हैं राहुल गांधी ने कहा- डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, वह केवल एक किताब नहीं है, बल्कि जीवन जीने का तरीका है। RSS और भाजपा के लोग जब संविधान पर हमला करते हैं, तब वे देश की आवाज पर हमला कर रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि RSS संविधान पर सीधा हमला नहीं कर सकता। अगर वो इसके खिलाफ आगे आकर लड़े, तो 5 मिनट में हार जाएगा। राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि RSS और BJP विकास, प्रगति और अर्थव्यवस्था, जैसे शब्दों के पीछे छिपकर हमला करने आते हैं।
हम हर सम्मेलन में अंबेडकर जी, गांधी जी, साहू महाराज जी समेत कई महान लोगों के बारे में बात करते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि जब हम इनकी बात करते हैं तो सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं होती। क्योंकि इन महापुरुषों की बातों में भी करोड़ों लोगों की आवाज रहा करती थी। वे जब बोलते थे तो दूसरों का दुख, दर्द उनके मुंह से निकलता था।
जब आप अंबेडकर की किताबें पढ़ेंगे तो साफ दिखेगा कि वे अपनी नहीं, दूसरों की बात कर रहे हैं। अंबेडकर, गांधी जी ने कभी अपना दर्द नहीं देखा, वे सिर्फ लोगों के दर्द की बात करते हैं। जब हिंदुस्तान ने अंबेडकर जी से संविधान बनाने के लिए कहा, तो इसका मतलब था- संविधान में देश के करोड़ों लोगों का दर्द और उनकी आवाज गूंजनी चाहिए।
संविधान के पीछे की सोच हजारों साल पुरानी है। इसमें जो लिखा है, वही भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, फुले जी जैसे अनेक महापुरुषों ने कही है। इसमें लिखा है कि सभी के बीच समानता होनी चाहिए, हर धर्म, हर भाषा, हर जाति का आदर होना चाहिए।
संविधान से ही सरकार की अलग-अलग संस्थाएं बनती हैं। अगर संविधान नहीं होता तो इलेक्शन कमीशन भी नहीं बनता। संविधान से हिंदुस्तान का एजुकेशन सिस्टम, IIT, IIM, प्राइमरी एजुकेशन सिस्टम, सेकेंडरी एजुकेशन सिस्टम बना है। अगर ये हट गया तो आपको एक पब्लिक स्कूल, पब्लिक अस्पताल, पब्लिक कॉलेज नहीं मिलेगा।
जनता की बात सुनते वक्त मेरे पास एक छोटी सी आवाज आई- जातिगत जनगणना। लेकिन फिर धीरे-धीरे ये आवाज बड़ी हो गई। इसे हमने जातिगत जनगणना का नाम दिया है, पर इसका असली मतलब न्याय है। मेरी सोच है कि बिना शक्ति और धन के आदर का कोई मतलब नहीं है।