ई-पेपर

दो EC की नियुक्ति को लेकर बैठक आज


PM की अध्यक्षता में पैनल नाम फाइनल करेगा, EC अरुण गोयल ने रिटायरमेंट से पहले इस्तीफा दिया

चुनाव आयोग में इस समय दो चुनाव आयुक्तों (ECs) के पद खाली हैं। इन्हें भरे जाने को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल की आज बैठक होगी। नियम के मुताबिक चुनाव, आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं।

राजीव कुमार और अरुण गोयल के बीच मतभेद की खबरें
अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा CEC राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं। गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था।

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, गोयल और CEC राजीव कुमार के बीच फाइल पर मतभेद हैं। हालांकि, गोयल ने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। केंद्र ने उन्हें पद छोड़ने से रोकने की कोशिश की थी। गोयल की सेहत भी ठीक है। इसलिए खराब सेहत के कारण इस्तीफे की अटकलों को खारिज किया गया है।

गोयल के इस्तीफे पर क्या बोला विपक्ष

मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष: इलेक्शन कमीशन या इलेक्शन ओमिशन। लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा क्यों? हमने स्वतंत्र संस्थाओं का खत्म किया जाना नहीं रोका तो लोकतंत्र पर तानाशाही कब्जा कर लेगी।

के सी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता: ECI जैसी संवैधानिक संस्था में बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है। केंद्र सरकार उन पर दबाव डालती है। 2019 में चुनावों के दौरान, तत्कालीन आयुक्त अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में PM मोदी को क्लीन चिट देने पर असहमति जताई थी। बाद में उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा।

कपिल सिब्बल, राज्यसभा सांसद: मैं गोयल के इस्तीफे के कारण का अनुमान तो नहीं लगा सकता, लेकिन जाहिरतौर पर कुछ मतभेद हैं। वे (भाजपा) अब आयोग को अपने लोगों से भर देंगे, जैसा कि उन्होंने पहले भी किया है। अब चुनाव शेड्यूल, फेज और सभी पहलुओं को सत्तारूढ़ दल के हित के अनुरूप बनाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट गया था गोयल की नियुक्ति का मामला
NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुनवाई से पहले ही दो जज जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना ने हियरिंग से खुद को अलग कर लिया था।

ADR ने याचिका में कहा था कि गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है। साथ ही यह निर्वाचन आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है। ADR ने सरकार और इलेक्शन कमीशन पर खुद के फायदे के लिए अरुण गोयल की नियुक्ति करने का आरोप लगाया था। साथ ही गोयल की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की थी।

ऐसे होगी नए आयुक्त की नियुक्ति
29 दिसंबर 2023 को ही CEC और EC की नियुक्ति का कानून बदला है। इसके मुताबिक, विधि​ मंत्री और दो केंद्रीय सचिवों की सर्च कमेटी 5 नाम शॉर्ट लिस्ट कर चयन समिति को देगी। प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या सबसे बड़े विरोधी दल के नेता की तीन सदस्यीय समिति एक नाम तय करेगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नियुक्ति होगी।

2019 के चुनाव के बाद लवासा ने दिया था इस्तीफा
अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में निर्वाचन आयुक्त पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने 2019 के आम चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कई निर्णयों पर असहमति जताई थी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Need Help?