मां बोली- आरोपी ने ₹5000 उधार लिए, फिर छत पर बेटों का गला रेत दिया
बदायूं की बाबा कॉलोनी में मंगलवार 19 मार्च को शाम 2 सगे भाइयों की उस्तरे से गला रेतकर हत्या कर दी गई। मृतकों की उम्र 14 और 6 साल थी। वारदात से गुस्साई भीड़ ने जमकर हंगामा किया। बाइक और दुकान में तोड़फोड़ की। मंडी समिति पुलिस ने 3 घंटे बाद रात को एक्शन लेते हुए एक आरोपी साजिद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया, जबकि दूसरा आरोपी फरार है।
दोनों आरोपी भी भाई हैं। हालांकि, अभी तक वारदात की वजह सामने नहीं आई है। आरोपियों की पड़ोस में ही सैलून की दुकान है।
पैसे मांगे फिर बच्चों को मार दिया”
बच्चों की मां संगीता ने बताया, ”साजिद और जावेद बाइक से मेरे घर आए थे। जावेद बाइक लेकर बाहर खड़ा था। साजिद घर के अंदर आया। कहा कि भाभी मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी है। वह अस्पताल में भर्ती है। मुझे 5000 रुपए दे दीजिए। मैंने साजिद को पैसे दे दिए।
इसके बाद मैंने उससे कहा चाय पी लो। मैं चाय बनाने चली गई। साजिद ने मुझसे कहा कि मुझे घबराहट हो रही है। मैं थोड़ा छत पर टहल लेता हूं। छत पर जाकर साजिद ने मेरे दोनों बच्चों की हत्या कर दी। हत्या का क्या कारण है पता नहीं है। मेरा उन लोगों से कोई विवाद नहीं है।”
सीधे दूसरी मंजिल पर गए और करने लगे हमला
मंगलवार देर शाम साजिद और जावेद, विनोद के घर पर आए। दोनों की दुकान सामने थी और वह परिवार को जानते थे, इसलिए किसी ने ध्यान नहीं दिया। साजिद और जावेद सीधे विनोद के घर की दूसरी मंजिल पर चले गए। संगीता नीचे अपने पार्लर में थीं।
छत पर आरोपियों ने उनके तीनों बच्चों पर उस्तरे से हमला करना शुरू कर दिया। जिसमें आयुष और हनी की मौत हो गई। वहीं तीसरा बच्चा पीयूष घायल हो गया। उसके हाथ में चोट आई है। बच्चों की चीख सुनकर घरवाले और आस-पास के लोग पहुंच गए। तब तक आरोपी भाग गए।
सैलून से सामान निकालकर बाहर फेंका, आग लगाई
घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपियों के सैलून में तोड़फोड़ की। सामान को सड़क पर फेंककर आग लगा दी। भीड़ ने मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर जाम लगा दिया। घरवालों ने शव लेने आई एम्बुलेंस को भी वापस कर दिया। इसके बाद पैरामिलिट्री फोर्स बुलाई गई। तब जाकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और हाईवे से जाम घुलवाया गया।
उधर, घटना की सूचना मिलने पर SSP आलोक प्रियदर्शी और DM मनोज कुमार भी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने लोगों को समझा कर शांत कराया।
शेखूपुरा जंगल में मारा गया आरोपी
घटना के बाद पुलिस अफसरों ने साजिद और जावेद की तलाश में तीन टीमें लगा दीं। सर्विलांस से उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। इसके बाद पुलिस लोकेशन को ट्रेस करते हुए सिविल लाइन थाने के शेखूपुरा जंगल में पहुंची। वहां पर टीम को देखते ही आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस की टीमों ने भी मोर्चा संभाला। जवाबी कार्रवाई में गोली चलानी शुरू की।
इसी दौरान एक गोली साजिद के पैर में लग गई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हुई है। वह बाबापुरी इलाके का रहने वाला था। वहीं, दूसरा आरोपी जावेद अभी फरार है।
आखिरी में पढ़िए बच्चों के पिता ने FIR में क्या लिखवाया…
बच्चों के पिता ने FIR में कहा- मंगलवार शाम को घर के सामने सैलून की दुकान करने वाला साजिद जावेद के साथ बाइक से आया। उस वक्त घर पर पत्नी संगीता और मां मुन्नी देवी और 3 बच्चे, जिनके नाम हैं-आयुष (13), पीयूष (9) और आहान (6) मौजूद थे। साजिद ने पत्नी से कहा कि मेरी पत्नी को डिलीवरी होनी है। डॉक्टर ने 11 बजे रात का समय दिया है।
उस समय तक जावेद घर के बाहर खड़ा था। साजिद ने पत्नी से 5000 रुपए मांगे। पत्नी ने कहा कि अभी लाकर देती हूं, तभी साजिद ने बेटे पीयूष से पुड़िया लाने को कहा। पीयूष पुड़िया लेने चला गया। फिर साजिद ने पत्नी से कहा-पता नहीं, आज मेरा मन घबरा रहा है।
थोड़ी देर छत पर घूम लेता हूं। फिर पीयूष को अपने साथ छत लेकर चल दिया। आयुष से पानी लाने को कहा। फिर उसने भाई जावेद को भी अंदर बुला लिया। जावेद-साजिद, आयुष और आहान को साथ लेकर छत पर चले गए। पत्नी संगीता पैसे लेने अंदर घर में चली गई। पत्नी अंदर से पैसे लेकर बाहर आई, तो साजिद-जावेद जीने से उतर रहे थे।
साजिद-जावेद के हाथ में खून से सनी हुई छुरी थी। उन्होंने पत्नी को देखते ही कहा कि आज मैंने अपने काम पूरा कर दिया है। यह देखकर पत्नी घबरा गई। फिर चिल्लाने लगी। शोर सुनकर आस-पास के लोग आ गए। लोगों ने साजिद को पकड़ लिया। मगर जावेद भाग गया। फिर साजिद को पुलिस के हवाले कर दिया।