महाशिवरात्रि पर पूजा का सामान लेने गए थे बाजार, महिला बाइक से उछलकर गिरी
महाशिवरात्रि पर पूजा का सामान लेने जा रहे नाना और दोहिती की मौत हो गई। दोनों को 11000 वॉल्ट की बिजली लाइन से करंट लगा। वहीं नाना की बहन बाइक से उछलकर सड़क पर गिरी। उसे भी करंट से झटका लगा।
मामले में किसान के बेटे ने बिजली विभाग की लापरवाही से हादसा होना बताया है। वहीं बिजली विभाग पल्ला झाड़ता दिखा। अधिकारियों का कहना था कि गिलहरी के कारण इंसुलेटर में ब्लास्ट होने से तार टूट गया। ये हादसा उदयपुर के झल्लारा में शुक्रवार सुबह हुआ।
महाशिवरात्रि पर किसान के घर थी पूजा
जानकारी अनुसार महाशिवरात्रि पर ढीकाढोला के रहने वाले किसान मोतीलाल मीणा (61) अपनी बहन मावली बाई (60) और 14 साल की दोहिती धूलेश्वरी के साथ बाइक पर पूजा का सामान लेने जा रहे थे। मोतीलाल के घर में आज पूजा रखी गई थी। तीनों बाइक पर डांगीखेड़ा गांव की मुख्य सड़क से गुजर रहे थे। अचानक बिजली लाइन गिर गई, जिसकी चपेट में तीनों आ गए। नाना-दोहिती की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं नाना की बहन करंट का झटका लगने पर बाइक से उछलकर दूर जाकर गिरी। हादसा किसान के घर से करीब 3 किमी दूरी पर हुआ।
ननिहाल में रहती थी बच्ची
गांव के लोगों ने विभाग को जानकारी देकर बिजली सप्लाई बंद करवाई। झल्लारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला व शवों को सलूम्बर सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए। हादसे की जानकारी पर घर में कोहराम मच गया। दोहिती अपने ननिहाल में रहकर ही पढ़ रही थी और आठवीं क्लास में थी।
बेटा बोला- बिजली विभाग मौत का कारण
किसान के बेटे दीपेश मीणा ने पिता और भांजी की मौत का जिम्मेदार बिजली विभाग को बताया है। उसने कहा कि बिजली लाइन का समय पर मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से हादसा हुआ। ग्रामीण कई बार विभाग को इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन अफसरों ने सुनवाई नहीं की। बेटे ने झल्लारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। हादसे में बाद ग्रामीणों में बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश है।
विभाग बोला-गिलहरी की वजह से हुआ हादसा
बिजली विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते दिखे। सलूम्बर के अधीक्षण अभियंता रामरतन खटीक से हादसे के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि पोल पर लगे इंसुलेटर और तार के बीच एक गिलहरी आ गई थी। जिससे इंसुलेटर में ब्लास्ट हुआ और तार टूट गया। हाई रिस्क प्वाइंट पर तार की कवरिंग और गार्डनिंग नहीं होने के सवाल पर वे बोले- कवरिंग और गार्डनिंग स्टेट व नेशनल हाईवे पर की जाती है। ये पगडंडी वाली रोड थी।
बिजली विभाग की लापरवाही आई सामने
-तकनीकी जानकारों का कहना है कि अगर इंसुलेटर टाइट और कसा हुआ होता तो हादसा नहीं होता। -बिजली विभाग ने जिन ठेकेदार को मेंटेनेंस का जिम्मा दिया हुआ है। उनके ओर से नियमित रूप से तार और पोल का मेंटेनेंस नहीं किया जाता। -विभाग के आदेश के बावजूद हाई तार के हाई रिस्क प्वाइंट पर कवरिंग ओर गार्डनिंग होनी चाहिए थी, जिससे तार टूटे तो नीचे जमीन पर नहीं गिर पाए। इसकी पालना नहीं की गई।