कहा- धोखाधड़ी से डॉक्टर बना व्यक्ति खतरनाक: 2015 में ऐसी ही टिप्पणी कर AIPMT रद्द की थी
सुप्रीम कोर्ट में NEET UG विवाद पर ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने कहा, ‘अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते हैं।’ बेंच ने सरकार और NTA से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। इससे पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की टिप्पणी कर ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) की परीक्षा रद्द की थी।
4 याचिकाओं को 8 जुलाई को सुनवाई
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वैकेशन बेंच ने इस मामले से जुड़ी 4 याचिकाओं को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। वकीलों से भी उसी दिन सभी मामलों पर बहस करने के निर्देश दिए हैं। 4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET का रिजल्ट घोषित किया था। पहली बार ऐसा हुआ है जब 67 कैंडिडेट को 720 में से 720 नंबर मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट में 4 याचिकाएं, जानिए इनमें अब तक क्या हुआ
- पहली: स्टूडेंट शिवांगी मिश्रा और 9 अन्य छात्रों ने रिजल्ट की घोषणा से पहले 1 जून को दायर की। काउंसलिंग पर रोक लगाने के साथ परीक्षा रद्द कर जांच की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
- दूसरी: पिटिशनर हितेश सिंह कश्यप ने दायर की। गुजरात के गोधरा में जय जल राम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दी थी। याचिका में पेपर लीक की CBI जांच की मांग की गई है। सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
- तीसरी: फिजिक्सवाला के को फाउंडर अलख पांडेय ने 1563 स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई। 13 जून को सुनवाई हुई। NTA ने कहा- 1563 स्टूडेंट्स के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए जाएंगे। सभी स्टूडेंट्स के रिजल्ट बिना ग्रेस मार्क्स के जारी किए जाएंगे। ये फिर से एग्जाम दे सकते हैं।
NEET UG क्या है
NEET UG यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। NEET परीक्षा मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है जो स्टूडेंट्स की गिनती के लिहाज से देश की सबसे बड़ी परीक्षा है।
इसके जरिए भारत और रूस, यूक्रेन समेत कुछ अन्य देशों में MBBS, BDS और अन्य मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन मिलता है। NEET UG को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA द्वारा आयोजित किया जाता है।
रिजल्ट के बाद विवाद क्यों हुआ
NEET की इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में ग्रेस मार्किंग का जिक्र नहीं है। NTA ने भी रिजल्ट जारी करते वक्त इसकी जानकारी नहीं दी थी। रिजल्ट आने के बाद कैंडिडेट्स ने सवाल उठाए, तब NTA ने बताया कि ‘लॉस ऑफ टाइम’ की वजह से कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। ग्रेस मार्क किस फॉर्मूले के तहत दिए गए, इस बारे में NTA ने कुछ नहीं बताया।