पिता बोले – 6 महीने से परेशान थी, एक लड़का टॉर्चर कर रहा था; KIIT यूनिवर्सिटी को पता था, हमें नहीं बताया
‘हम 40 हजार से ज्यादा छात्रों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं, पढ़ा रहे हैं। ये आपके देश के बजट के बराबर है। चलो सब सामान पैक करो और जहां सेफ हो, वहां जाओ।’ इस बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो ओडिशा की KIIT यूनिवर्सिटी का है। यहां की स्टाफ मंजूषा पांडे और जयंती नाथ सेफ्टी को लेकर सवाल उठा रहे नेपाली स्टूडेंट्स पर चिल्ला रही हैं और हॉस्टल छोड़ने के लिए कह रही हैं। ये हंगामा BTech थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल की मौत के बाद शुरू हुआ। प्रकृति ने 16 फरवरी को यूनिवर्सिटी हॉस्टल में सुसाइड कर लिया था।
पिता का आरोप है कि प्रकृति को उसका बैचमेट अद्विक श्रीवास्तव परेशान करता था। ये बात यूनिवर्सिटी प्रशासन जानता था। इसी वजह से उसने सुसाइड कर लिया। पुलिस ने अद्विक समेत 11 आरोपियों को अरेस्ट किया है। जांच के लिए ओडिशा सरकार ने हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। इसके बाद ओडिशा विधानसभा से लेकर नेपाल की संसद तक हंगामा हुआ। बेटी की मौत से परेशान प्रकृति के पिता सुनील लामसाल कहते हैं, ‘हमने ये सोचकर बेटी को इंडिया भेजा था कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी है। अच्छी पढ़ाई और माहौल होगा। अब डर लगता है। बेटे को भी इंडिया भेजना था, पर अब नहीं भेजूंगा।’
वे आगे कहते हैं, ‘ये मामला 6-7 महीने पहले एडमिनिस्ट्रेशन के पास गया था। इंटरनेशनल रिलेशन ऑफिसर ने दोनों को बुलाया और लड़के को वॉर्निंग देकर छोड़ दिया। एक बार तो लड़के को सस्पेंड भी किया था। ये सब चल रहा था। मेरी बेटी परेशान थी, लेकिन यूनिवर्सिटी ने हमें खबर देना भी जरूरी नहीं समझा।‘
सुनील बताते हैं, ‘बेटी की डेडबॉडी हॉस्टल के कमरे से शाम 5.30 बजे मिली। दोपहर करीब 2.51 बजे उसने अपनी मां को कॉल किया था। उसने कहा था कि वो यूनिवर्सिटी के फेस्ट के लिए तैयार हो रही है। शाम 4 बजे फेस्ट में जाएगी। वहां फोन नेटवर्क नहीं मिलेगा, अब लौटकर फोन करेगी।’ ‘एक-डेढ़ महीने पहले ही वो घर आई थी। करीब एक महीने रही। इंटरर्नशिप करने का कह रही थी। मैंने एक कंपनी में उसकी इंटर्नशिप भी लगवा दी थी। हम रोज साथ एक टेबल पर खाना खाते थे, पर उसने कभी कुछ नहीं बताया। कभी परेशान भी नहीं दिखी।’