ब्लड बैंक सील करने के बाद रखे ब्लड को नहीं करवाया शिफ्ट; 440 यूनिट ब्लड हो गया था खराब
जयपुर के गोपालपुरा बाइपास स्थित ब्लड बैंक जिसे फरवरी में भवन मालिक ने किराए पेंडेंसी के कारण बंद कर दिया था। उसमें ड्रंग कंट्रोलर अजय फाटक और दो डीसीओ नीरज कुमार और सुभाष चन्द दादरवाल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसे देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन तीनों को 17CCA का नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है। दरअसल जयपुर के गोपालपुरा बाइपास पर जीवनदाता ब्लड सेंटर के नाम से ब्लड बैंक संचालित होता था। किराए के भवन में संचालित इस ब्लड बैंक का 50 लाख रुपए से ज्यादा किराया चढ़ने के बाद संचालक इसे 20 जनवरी को बंद करके चला गया। इस भवन के मालिक ने 29 जनवरी से 7 फरवरी के बीच 4 बार पत्र लिखकर ड्रग कंट्रोलर और आरएसबीटीसी जयपुर के विभागाध्यक्ष को सूचित किया।
440 यूनिट पीआरबीसी हो गई खराब
29 जनवरी से 8 फरवरी के दौरान भवन में रखी 440 यूनिट पैक्ड रेड ब्लड सैल्स (पीआरबीसी) और 33 यूनिट प्लेटलेट्स (आरडीपी) खराब हो गई। इसके बाद 8 फरवरी की रात को जब ड्रग कंट्रोलर की टीम 8 फरवरी को दोबारा देर रात पहुंची तो वहां मौजूद तमाम ब्लड को एसएमएस पहुंचाया, जहां पता चला इतना ब्लड खराब हो चुका है। इस तरह ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की लापरवाही के कारण 10 दिन के अंदर 440 यूनिट ब्लड और 33 यूनिट प्लेटलेट्स खराब हो गई। इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की अनुशंसा पर एसीएस शुभ्रा सिंह ने इन तीनों को 17सीसीए की चार्टशीट जारी करते हुए जवाब मांगा।
29 जनवरी को की विजिट
लिखित शिकायत पर ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की टीम ने 29 जनवरी को विजिट की। विजिट के समय वहां 600 यूनिट ब्लड था, जिसमें से 47 यूनिट ब्लड खराब हो चुका था। इस खराब ब्लड को टीम ने नष्ट करवाया, लेकिन शेष ब्लड को किसी दूसरे सरकारी हॉस्पिटल या ब्लड बैंक सेंटर पर शिफ्ट नहीं करवाया।