जनता बोली – एक ही वार्ड में दो थाने, विधायक ने कहा – जहां समस्या होगी, समाधान करेंगे
वार्ड बड़ा किया, इलाके दूर हुए
उदयपुर शहर के आसपास की पंचायतों को तोड़कर नगर निगम सीमा में शामिल किया गया। इसमें से ही दस वार्डों का निर्माण किया गया और निगम के वार्ड बढ़कर 70 से 80 हो गए। नए वार्डों के पुनर्गठन के बाद से कई क्षेत्रों से आपत्तियां सामने आने लगी कि वार्डों को ठीक से नहीं बनाया गया और उसमें कई कमियां है। वार्ड सीमा बढ़ाने से लेकर वार्ड का इलाका बड़ा कर दिया और पास के इलाके को दूर कर दिया। इस संबंध में जिला कलेक्टर की और से मांगी गई आपत्तियों के बाद संबंधित वार्डों से आपत्तियां दर्ज कराई जा रही है। राजनीतिक दल भी अपने स्तर पर कंपाइल आपत्तियां एकत्रित कर एक साथ दर्ज कराने की तैयारी में जुटे हैं।
उदयपुर नगर निगम में 10 और नए वार्ड बनाकर 70 से 80 वार्ड करने में शामिल ग्राम पंचायतों के गांवों को लेकर आपत्तियां सामने आ रही हैं। बड़ी संख्या में कई नए बने वार्डों में दूरी तक का ध्यान नहीं दिया। एक ही वार्ड दो पुलिस थानों से लेकर दो विधानसभा क्षेत्र में आने लगा है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वार्ड का गठन इस तरह से करना था कि उस वार्ड की सीमा में एक ही पुलिस थाना, विधानसभा आए। साथ ही वार्ड बड़ा नहीं बने और उसकी दूरी ज्यादा नहीं हो।
बड़गांव के भाजपा नेता दीपक शर्मा ने बताया कि उनके इलाके में रामगिरी बेसिक स्कूल के सामने का इलाका पहले बड़गांव पंचायत का भाग था जो बाद में बेदला में चला गया। यह स्कूल का भाग वार्ड एक में आना चाहिए था जिसको अभी वार्ड 80 में शामिल किया है। शर्मा का कहना है कि ये भाग बड़गांव से जुड़ा हुआ इलाका है। उन्होंने कहा कि यहां बड़गांव और बेदला के बीच आने वाली नदी को बेस मानकर सीमांकन करना चाहिए। इसमें नदी के इस तरफ का भाग बड़गांव और सामने की तरफ का भाग बेदला में हो।
पूर्व वार्ड पंच जगदीश मेघवाल ने बताया कि यह इलाका भुवाणा से लगा हुआ है और हम इसी पंचायत में है। रूपनगर राजस्व गांव को 10 से 12 किलोमीटर दूर वाले इलाके में फैला दिया। हमे भुवाणा और इस तरफ में ही रखा जाए। हमने आपत्ति दर्ज करवा दी है। लोग बोल रहे है कि हम रूपनगर में रहते है और अब प्रतापनगर और बेड़वास वाले हमे कैसे पहचानेंगे।
जनप्रतिनिधि बोले- आपत्तियां दर्ज करवाएंगे
भाजपा शहर अध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की बात नीचे से आई है, इसमें कई जगह पर कमियां सामने आई है उसको ठीक कराने के लिए प्रशासन के समक्ष बात रखी जाएगी। उदयपुर के पूर्व डिप्टी मेयर पारस सिंघवी ने बताया कि हमारी मावली और उदयपुर ग्रामीण विधानसभा की कुछ पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष और पूर्व मंडल अध्यक्ष से संगठन ने जानकारी मांगी तो सामने आया कि कुछ जगह 18 से 20 किलोमीटर एरिया में में वार्ड को फैला दिया गया है जो व्यावहारिक नहीं है। हम इसको लेकर आपत्तियां जो सामने आई है वह प्रशासन के समक्ष रखेंगे। हमने अधिकारियों के साथ बैठक भी की है और हमारे उदयपुर शहर और ग्रामीण विधायक को ध्यान में लाया गया है। उदयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ ने बताया कि हमने वार्डो में कांग्रेस पदाधिकारियों से इस संबंध में आपत्तियां मांगी है। उनका कहना है कि पार्टी की तरफ से एक साथ सभी आपत्तियां दर्ज कराई जाएगी।