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बोर्ड एवं स्थानीय परीक्षा के दौरान विद्यालयों की गैर जरूरी जांच का विरोध ।


R. T. E के नर्सरी LKG, HKG कक्षाओं के पुनर्भरण नहीं होने पर निजी विद्यालय हुए लामबंद नवीन सत्र में इन कक्षाओं में नहीं देंगे प्रवेश।

उदयपुर । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन एवं सी.बी.ऐस.ई. व आर.बी.ऐस.ई. संयुक्त एक्शन कमेटी का एक प्रतिनिधि मंडल आज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर शहर विधायक ताराचंद जैन के पास ज्ञापन लेकर पहुंचा और राज्य की विधानसभा में निजी स्कूलों की समस्या रखने की माँग रखी एवं उन्हें अवगत कराया कि पिछली सरकार ने धोखे से R.T.E. में प्रवेश कराए और पुनर्भरण के समय पल्ला झाड़ लिया जबकि R.T.E. पुनर्भरण पूर्णतया केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता हैं। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिलीप सिंह ने बताया कि बोर्ड एवं स्थानीय परीक्षा के दौरान शिक्षा विभाग विद्यालयों की गैर जरूरी जांच करवा रहा है निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा, राज. बीकानेर के आदेश दिनांक 21.02.2024 के अनुसार राज्य के सभी गैर-सरकारी विद्यालयों की 21 प्रकार की जांच की जाएगी तथा किसी दस्तावेज के उपलब्ध न होने पर तत्काल मान्यता समाप्ति की कार्यवाही की जाएगी।
निदेशालय ने अपने पत्र में इस कार्यवाही को सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना का हिस्सा बताया है जबकि निदेशालय का यह बताना स्पष्ट रूप से गलत एवं भ्रामक है।वर्तमान में विद्यालयों में बोर्ड एवं स्थानीय परीक्षा चल रही हैं या परीक्षा की तैयारी चल रही है। ऐसे अवसर पर सभी गैर-सरकारी विद्यालयों की 21 प्रकार की जांच कराना कैसे सही हो सकता है। कुछ समय पूर्व ही आर.टी.ई. के तहत नि:शुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों की जांच के दौरान सभी विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कराया गया है, फिर अचानक परीक्षा के अवसर पर सभी गैर-सरकारी विद्यालयों की पुनः जांच करवाना इन विद्यालयों के प्रति निदेशालय की दुर्भावना को दर्शाता है।


विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं शिक्षकों की योग्यता के मापदंड सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में समान रूप से लागू हैं (आर.टी.ई. अधिनियम की धारा-18,19 एवं अनुसूची तथा धारा-23), फिर केवल गैर-सरकारी विद्यालयों की जांच करवाना तथा सरकारी विद्यालयों को छोड़ देना कैसे न्यायोचित हो सकता ह? जबकि यह तथ्य भी सर्वविदित है कि बहुत से सरकारी विद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर के न्यूनतम मानक भी पूरे नहीं करते और उनका संचालन करना आर.टी.ई. अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है।जांच के कुछ बिन्दु गैर-सरकारी विद्यालयों की स्वायत्तता का उल्लंघन करते हैं, जबकि संविधान एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयों में गैर-सरकारी विद्यालयों को काफी हद तक स्वायत्तता दी गई है। कृपया गंभीरता से विचार करते हुए राहत प्रदान करे। आज ज्ञापन में सहोदय ,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, स्कूल शिक्षा परिवार एवं प्राइवेट स्कूल डेवलपमेट एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं समस्त निजी विद्यालय संचालक उपस्थित हुए।


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