ई-पेपर

पॉलिटेक्निक स्टूडेंट हॉस्टल में फंदे पर लटका मिला


सुसाइड नोट में लिखा- ‘मम्मी-पापा आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, क्या करता यहां से जाना ही ठीक था’

पॉलिटेक्निक स्टूडेंट ने गुरुवार रात अपने हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया। वह पंखे से फंदे पर लटका मिला। पुलिस को कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा- ‘मम्मी आपको दुखी करके मैं बहुत दुखी हुआ। आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। क्या करता यहां से जाना ही ठीक था। मुझे माफ करना…।’

स्टूडेंट अपने खानदान में इकलौता लड़का था। उसके पिता तीन भाई है। तीनों भाइयों के बच्चों में ये अकेला लड़का था। बाकी सभी बेटियां हैं। घटना उदयपुर के बड़गांव की है।

बड़गांव थानाधिकारी पूरणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि स्टूडेंट हर्षवर्धन सिंह (19) पुत्र रणजीत सिंह देवगढ़, राजसमंद का रहने वाला था। उदयपुर के विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। गुरुवार रात को सूचना मिली थी हॉस्टल में एक स्टूडेंट फंदे पर लटक गया है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतारकर सरकारी एमबी हॉस्पिटल लेकर गए। परिजनों के आने पर शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम करवाया गया।

हर्षवर्धन 11फरवरी को आखिरी बार घर गया था। परिवार के साथ दो दिन रहने के बाद हॉस्टल लौटा था।

थानाधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। स्टूडेंट ने मरने से पहले नोट में लिखा-

मम्मी, बहुत सोचा मैंने मरने से पहले पर अब मैं ये सब दुखा देखकर थक चुका हूं। कुछ समझ नहीं आ रहा। अभी काॅलेज की फीस भरनी है। मुझे पता है कि मेरे लिए 15000 रूपए देना कोई बड़ी बात नहीं है। पर मैं आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। मेरे बाद बहन नेतल की पढ़ाई और शादी अच्छे से करना।

मेरा सपना था कि नेतल की शादी अच्छे से करने का लेकिन ये चाहकर भी पूरा नहीं कर सकता। अब आप लोगों की हालत मुझसे देखी नहीं जाती। आप बहुत अच्छे हो। मम्मी आपको दुखी करके मैं बहुत दुखी हुआ। पर क्या करता यहां से जाना ही ठीक था। मुझे माफ करना।

हर्षवर्धन के हॉस्टल के कमरे से मिला सुसाइड नोट।

11 फरवरी को गया था घर
स्टूडेंट के चाचा चरण सिंह चुंडावत ने बताया कि भतीजा (हर्षवर्धन) 11 फरवरी को देवगढ़ आया था। उसने अपने पापा से कहा था कि कॉलेज में बाकी 15 हजार रुपए फीस जमा करानी है। 14 फरवरी को वापस उदयपुर हॉस्टल आ गया था।

इस पर पिता ने कहा था कि वे दो-तीन दिन में कॉलेज में आकर फीस जमा करा देंगे। चाचा ने बताया कि भतीजे ने कभी अपनी परेशानी खुलकर शेयर नहीं की थी। उन्होंने बताया कि वे तीन भाई है। तीनों भाइयों के बच्चों में हर्षवर्धन अकेला लड़का था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Need Help?