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कैदी ने सुनवाई के दौरान जज पर फेंकी चप्पल


कोर्ट में अगली तारीख मिलने पर भड़का; चोरी के केस में दो साल से जेल में है बंद

भीलवाड़ा कोर्ट में सोमवार को एक विचाराधीन बंदी ने सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट पर चप्पल फेंक दी। कोर्ट में चोरी के मामले में कैदी की जमानत पर सुनवाई चल रही थी। इस बीच जज ने मामले में अगली तारीख दी, लेकिन कैदी ने आज फैसला सुनाने की मांग। इसके बाद कैदी भड़क गया और उसने जज के ऊपर अपनी चप्पल फेंक दी, जो जज के हाथ पर जाकर लगी। घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद बंदी को तुरंत कोतवाली पुलिस ने पकड़ लिया। मामला भीलवाड़ा की एसीजेएम कोर्ट 1 से जुड़ा है, जहां सोमवार की दोपहर करीब 1:30 बजे मजिस्ट्रेट रूपेंद्र सिंह की कोर्ट में यह घटना हुई।

जज से कहा- फैसला आज सुनाओ
कोतवाली थानाधिकारी राजपाल सिंह ने बताया कि मजिस्ट्रेट में आइपीसी की धारा 357, 487 में पिछले 2 साल से जेल में बंद इस्माइल उर्फ पोंडिया की सुनवाई चल रही थी। वह चोरी के मामले में बंद है। दोपहर करीब 1:30 बजे मजिस्ट्रेट रूपेंद्र सिंह के स्माइल उर्फ पोंडिया को सुनवाई के लिए पेश किया गया। सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट ने अगली तारीख दी, तो इस्माइल गुस्से में आ गया और उसने मजिस्ट्रेट से आज ही फैसला सुनाने की मांग की। इसके बाद पेशकार और एडवोकेट कागजातों को लेकर मजिस्ट्रेट से बातचीत करने लगे। इसी बीच अचानक इस्माइल ने अपनी चप्पल उतारी और मजिस्ट्रेट पर फेंक दी, जो उनके हाथ पर जाकर लगी।

एडवोकेट्स ने जताई नाराजगी, न्याय प्रणाली पर बताया हमला

कोर्ट परिसर में हुए घटनाक्रम पर अन्य अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। घटनाक्रम पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक जैन ने कहा- कोर्ट में आज जो घटना हुई, वो निंदनीय है। युवक ने मजिस्ट्रेट पर नहीं, न्याय प्रणाली पर हमला किया है। जजों को सुरक्षा मुहैया करवाई जानी चाहिए। हालांकि जैन ने सिस्टम पर भी सवाल उठाए है। उनका कहना है कि चोरी के मामले में 45 से 50 डिग्री का टेम्प्रेचर में एक व्यक्ति को जेल में 2 साल तक रखा जाता है। जिससे वो कहीं ना कहीं आवेशित हो जाता है और मजिस्ट्रेट पर चप्पल फेंकने का दुस्साहस तक देता है। ऐसे मामलों में हमें आत्म मंथन करने की आवश्यकता है। उन्होंने सिस्टम की खामियों को दूर करने की आवश्यकता जताई।


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