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वडोदरा में मुस्लिम महिला को फ्लैट दिए जाने का विरोध


लोग बोले- सोसायटी में 461 हिन्दू परिवार रहते हैं, दूसरे धर्म के लोग स्वीकार नहीं

गुजरात के वडोदरा शहर स्थित हरणी के एक रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में लोगों ने मुस्लिम महिला को फ्लैट देने का विरोध किया है। मामला मोटनाथ रेजीडेंसी कोऑपरेटिव हाउसिंग सर्विसेज सोसाइटी लिमिटेड का है। यहां रहने वाले 33 लोगों ने कलेक्टर को आवेदन देकर महिला का अलोटमेंट कैंसल करने की मांग की है। दरअसल, वडोदरा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने हरणी में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 2017 में 462 फ्लैट्स बनाए थे। इनमें 461 फ्लैट में हिन्दू परिवार रहते हैं। 44 साल की मुस्लिम महिला कौशल विकास विभाग में काम करती है। वह अकेली मुस्लिम है, जिसे सोसायटी में फ्लैट मिला है। सोसायटी वालों के कहा है कि हरणी हिंदुओं का इलाका है। यहां लगभग चार किलोमीटर के दायरे में मुस्लिमों की एक भी बस्ती नहीं है। ऐसे में अगर किसी मुस्लिम महिला को यहां घर दिया गया, तो यह हमारी जिंदगी में आग लगाने जैसा होगा।

2020 से विरोध चल रहा है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम महिला ने बताया कि उसे 2017 में लो इनकम हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में फ्लैट मिला था। वह अपने 12 साल के बेटे के साथ यहां शिफ्ट होना चाहती थी। हालांकि, उसके शिफ्ट होने से पहले ही 2020 में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया।

यहां के लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को पत्र लिखकर महिला के घर के आवंटन को अमान्य करने की मांग की। उस समय हरणी पुलिस स्टेशन ने सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए थे और मामले का निपटारा कर दिया था। हालांकि, अब जब महिला मकान में शिफ्ट होने वाली है, तो सोसायटी में 10 जून से फिर प्रदर्शन शुरू हो गया है।

एक स्थानीय ने कहा- कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है
सोसायटी के लोगों का कहना है कि अगर मुस्लिम परिवारों को रहने की अनुमति दी गई तो यहां कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। एक हस्ताक्षरकर्ता ने कहा कि हम सभी ने इस कॉलोनी में घर इसलिए बुक किए हैं, क्योंकि यह एक हिंदू एरिया है और हम नहीं चाहते कि दूसरे धर्म के लोग हमारे बीच रहें। यह नगर निगम की गलती है। उन्होंने फ्लैट देने से पहले जांच नहीं की।

मुस्लिम महिला के फ्लैट के पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले कई परिवार मांसाहारी हैं। लेकिन यह मामला सिर्फ खान-पान का नहीं है बल्कि परिवेश के बारे में है। अलग धर्म के लोगों के बारे में सोचकर यहां के लोग चिंता में हैं। हम एक अल्पसंख्यक परिवार के साथ हमारे पड़ोस में रहने में सहज महसूस नहीं करते हैं।

लोगों ने कहा- विधायकों-सांसदों का घेराव करेंगे
सामाजिक कार्यकर्ता अतुल गामेची ने बताया कि सोसायटी के लोग पिछले 6 महीनों से नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने गुहार लगा रहे हैं। अगर जल्द से जल्द मकान का आवंटन रद्द नहीं किया गया तो हम स्थानीय पार्षदों, विधायकों और सांसदों का घेराव करेंगे। समाधान नहीं निकलने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

धर्म के आधार पर आवेदक और लाभार्थी अलग नहीं: वीएमएस
वीएमसी के आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकारी योजनाओं में आवेदकों और लाभार्थियों को धर्म के आधार पर अलग नहीं किया जाता है। इसलिए आवास ड्रा मानदंडों के अनुसार आयोजित किया गया था। अब यह एक ऐसा मामला है, जिसे दोनों पक्षों द्वारा या तो आपसी सहमित से या फिर सक्षम न्यायालयों में जाकर हल किया जा सकता है।


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