साल में चार बार ऋतुओं के संधिकाल में आती है नवरात्रि, इन दिनों में व्रत-उपवास करने से सेहत को मिलता है लाभ
अभी माघ मास की गुप्त नवरात्रि चल रही है। ये पर्व 18 फरवरी तक चलेगा। इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और दस महाविद्याओं के लिए विशेष साधना की जाती है। पूजन के साथ ही गुप्त नवरात्रि में व्रत-उपवास करने की भी परंपरा है। इन दिनों में किए गए व्रत-उपवास से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी लाभ मिलता है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गुप्त नवरात्रि में देवी सती की महाविद्याओं के लिए गुप्त साधनाएं की जाती हैं। इन महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी शामिल हैं।
दो ऋतुओं के संधिकाल में किए जाते हैं देवी मां के लिए व्रत-उपवास
ऋतुओं का संधिकाल यानी दो ऋतुओं के बीच का समय। जब एक ऋतु खत्म होने वाली होती है और दूसरी की शुरुआत होने वाली होती है। दो ऋतुओं के संधिकाल में देवी दुर्गा की पूजा का महापर्व नवरात्रि मनाया जाता है। जैसे अभी माघ मास की नवरात्रि चल रही है। इस समय शीत ऋतु खत्म हो रही है और बसंत ऋतु शुरू होने वाली है। चैत्र मास की नवरात्रि के समय बसंत ऋतु खत्म होती है और ग्रीष्म ऋतु शुरू होती है। आषाढ़ मास की नवरात्रि के समय ग्रीष्म ऋतु खत्म होती है और वर्षा ऋतु शुरू होती है। आश्विन नवरात्रि के समय वर्षा ऋतु खत्म होती है और शीत ऋतु शुरू होती है।
व्रत-उपवास से सेहत को मिलता है लाभ
आयुर्वेद के अनुसार रोगों को ठीक करने की एक विद्या का नाम है लंघन। लंघन में व्रत-उपवास करने की सलाह दी जाती है। व्रत-उपवास करने से हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है। खान-पान में संयम रखने से हम बीमारियों से बचे रहते हैं। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नवरात्रि के दिनों में अन्न का त्याग करते हैं तो आलस नहीं आता है और पूजा-पाठ में हमारा मन लगा रहता है। इस तरह व्रत करने से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी फायदा होता है।
गुप्त नवरात्रि में कर सकते हैं ये शुभ काम
- माघ मास की नवरात्रि में देवी पूजा के साथ ही नदियों में स्नान, दान का विशेष महत्व है। गणेश जी, शिव-पार्वती के साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी विशेष पूजा इन दिनों में करनी चाहिए।
- अच्छे भाव के साथ जरूरतमंद लोगों का धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान करना चाहिए।
- ध्यान रखें इन दिनों में सुबह देर तक सोना नहीं चाहिए। जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
- ऐसा भोजन न करें, जिसे पचने में ज्यादा समय लगता है।
- माघ मास में तिल और गुड़ का सेवन करने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।