जजमेंट में 10 लाइन की कविता भी लिखी- मैं अपने उपवन की नन्हीं कली थी…
उदयपुर में 8 साल की बच्ची से रेप, हत्या और शव के 10 टुकड़े करने के मामले में फांसी की सजा सुनाने वाले जज ने अपने फैसले में एक कविता भी लिखी है। पॉक्सो-2 कोर्ट के जज संजय भटनागर ने लिखा कि- आरोपी कमलेश राजपूत (21) द्वारा नाबालिग के साथ रेप और हत्या का अपराध किया जा रहा था। तब निश्चित रूप से उस बेटी की आत्मा से आह और पीड़ा की कल्पना इस कविता से की जा सकती है।
आरोपी के मां-बाप को लेकर भी टिप्पणी जज संजय भटनागर ने फैसले में टिप्पणी करते हुए लिखा- आरोपी कमलेश राजपूत ने घिनौना और मानवता के खिलाफ अपराध किया है। वहीं, आरोपी के माता-पिता ने इकलौते बेटे के प्रेम में वशीभूत होकर कानून की मदद नहीं करते हुए उसे बचाने का प्रयास किया। बता दें, इस मामले में आरोपी कमलेश राजपूत को दो दिन पहले (4 नवंबर को) कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। उसके माता-पिता को साक्ष्य मिटाने और सहयोग करने के आरोप में 4-4 साल की सजा सुनाई। हालांकि, आरोपी के माता-पिता को तुरंत ही जमानत भी मिल गई थी। आरोपी के वकील गोविंद वैष्णव ने बचाव में कोर्ट में कई तरह के तर्क पेश किए थे। उन्होंने कहा कि परिवार बीपीएल श्रेणी से आता है और गरीब है। वहीं, आरोपी युवा है और उसके माता-पिता का इकलौता बेटा है। माता-पिता बुजुर्ग हैं और गरीब होने से वे स्वयं का वकील तक नहीं कर पाए।
29 मार्च 2023 को मावली थाना में बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। रिपोर्ट में बताया था कि बेटी दोपहर 4 बजे स्कूल से घर आई थी। ड्रेस बदलकर ताउजी के पास जाने का कहकर निकली थी। तब से वापस नहीं लौटी। पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मदद से तलाश शुरू की। एक अप्रैल को पीड़िता का शव एक खंडहर में एक बोरे में पड़ा मिला था। उसी दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
घटना के दिन आरोपी घर में अकेला था। उसके माता-पिता घर नहीं थे। वह खिड़की में बैठकर मोबाइल पर पोर्न मूवी देख रहा था। उसे चॉकलेट का लालच देकर बच्ची को घर में बुलाया और उसके साथ रेप किया। बच्ची के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। इसी दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। इसे बाद आरोपी ने बच्ची के शव के 10 टुकड़े किए और माता-पिता की मदद से शव को घर से करीब 200 मीटर दूर एक खंडहर में फेंक आया।