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केडिया बंधु के सितार और सरोद की जुगलबंदी ने मनमोहा


सितार-सरोद के सुरों और नृत्य स्तुति की ताल से झंकृत हुए दिल,क्लासिकल नृत्य प्रस्तुति में साक्षात हुए शिव और गणेश

मौसिकी के क्षेत्र में देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके सितार वादक पंडित मोर मुकुट केडिया और सरोद वादक पंडित मनोज केडिया ने जब शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर ऋतु बसंत उत्सव में अपने-अपने साज के तारों को उंगलियों से हरकत दी तो मौजूद तमाम संगीत प्रेमियों के दिल झंकृत हो गए।

शिल्पग्राम में ‘ऋतु बसंत’ उत्सव में दोनों वाद्ययंत्रों की संगत के साथ सांसों के जरिए दिलों दिमाग तक स्पंदन कर रही दिलकश धुनें पूरे एक घंटे तक मन को मोहती रहीं। इसके साथ ही देश-विदेश में अपने अनूठे कंटेंपरेरी और शास्त्रीय नृत्यों से पहचान बना चुके कोरियोग्राफर संतोष नायर के निर्देशन में साध्या ग्रुप की ‘नृत्य स्तुति’ की क्लासिकल के विभिन्न रूपों के जरिए तमाम स्तुतियों की पेशकश मौजूद भारतीय संगीत प्रेमियों पर अमिट छाप छोड़ गई।

पश्चिम क्षेत्र संस्कृति केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि बीते तीन दिनों में शास्त्रीय संगीत और नृत्य को समर्पित ऋतु वसंत में उमड़े दर्शकों खासकर की रुचि देख संगीत प्रेमियों ने क्लासिकल के भविष्य को लेकर काफी संतोष महसूस किया।

छा गई साध्या ग्रुप की नृत्य प्रस्तुति

देश-विदेश के कई बड़े कलाकारों के लिए अपनी देह बिछाने वाले शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच ने रविवार को शायद तब खुद को भी धन्य महसूस किया जब समूची भारतीय नृत्य कला के साथ साध्या ग्रुप ने अपना फिनाले पेश कर नृत्य कला का ऐसा अपूर्व और बेमिसाल प्रदर्शन किया, जिस पर क्लासिकल के जानकार तो झूमे ही, इससे दूर रहने वाले दर्शक भी वाह-वाह कर उठे।

इससे पूर्व पार्श्व में चल रहे शंकर महादेवन की प्रसिद्ध गणेश वंदना पर जब प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर के निर्देशन में साध्या ग्रुप ने क्लासिकल नृत्य के साथ गणेश वंदना पेश की तो मंच पर प्रथम पूज्य साकार हो गए। प्ले बैक के साथ इस अनूठे प्रयोग ने क्लासिकल प्रेमियों का दिल जीत लिया। वहीं, भरत नाट्यम, ओडिसी और कथक और मयूरभंज छाउ के अद्भुत समन्वय के साथ लॉर्ड शिवा की स्तुति पेश से शिव के सामने होने का अहसास कला प्रेमियों को करवा दिया।


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