अभिनय, मंच सज्जा, लाइट और साउंड, स्क्रिप्ट राइटिंग एवं अन्य तकनीकी पहलुओं पर दे रहे जानकारी
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और मोहनलाल सुखाड़िया विवि के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के तत्वावधान में 15 दिवसीय थिएटर कार्यशाला ‘रंगमंच’ शुरू हुई जो 24 फरवरी तक चलेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कला महाविद्यालय की सह अधिष्ठाता प्रो. दिग्विजय भटनागर ने की, जबकि पूर्व अधिष्ठाता एवं दृश्य कला संकाय के निदेशक प्रो. हेमंत द्विवेदी मुख्य अतिथि थे। कार्यशाला के मेंटर जयपुर से रंगमंच कलाकार विशाल भट्ट जो की तमाशा थिएटर से विशेष रूप से जुड़े हुए हैं एवं विभिन्न नाटको का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं और आसिफ शेर खान हैं जो की अभिनय विशेषरूप से ‘माइम’ का विशेष अनुभव रखते हैं एवं विभिन्न कार्यशालाओं में प्रशिक्षण दे चुके हैं।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। यह कार्यशाला रंगमंच के विभिन्न आयामों जैसे अभिनय, मंच सज्जा, लाइट और साउंड, स्क्रिप्ट राइटिंग एवं अन्य तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालेगी जिससे की विद्यार्थिओं को अपनी रूचि पहचानने का मौका मिलेगा। कार्यशाला कला महाविद्यालय में दिनांक 24 फरवरी तक दिन में 3 बजे से 6 बजे तक चलेगी।
भट्ट ने कार्यशाला और थिएटर के बारे में चर्चा की, जिसमें उन्होंने फिल्म और थिएटर के बीच के अंतर पर प्रकाश डाला। प्रो. हेमंत द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में जीवन में थिएटर की भूमिका पर चर्चा की और छात्रों एवं संकाय सदस्यों को ऐसे थिएटर कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने विश्वविद्यालय में नाट्य विभाग की आवश्यकता रेखांकित करते हुए करते हुए इसकी स्थापना की इच्छा जताई। प्रो. दिग्विजय भटनागर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में व्यक्तित्व विकास में थिएटर की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीवन और थिएटर अलग नहीं हैं एवं हम विभिन्न परिस्थितिओं और क्षमताओं में अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हैं। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र से प्रोग्राम ऑफिसर सिद्धांत भटनागर और उनके साथ मुकुल की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम की आयोजन सचिव, अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. भानुप्रिया रोहिला ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समन्वयक के रूप में दृश्य कला विभाग से डॉ. शाहिद परवेज और अंग्रेजी विभाग से महेंद्र सिंह पुरोहित ने विशिष्ट भूमिका निभाई।