यूपी के सीएम योगी ने कहा स्व. सिंघल की प्रतिबद्धता को भुलाया नहीं जा सकता
उदयपुर के सिंघल फाउंडेशन की और से स्थापित भारतात्मा अशोकजी सिंघल वेद पुरस्कार का कार्यक्रम इस बार अयोध्या में हुआ। वेदों के लिए दिए जाने वाला यह राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार हैं। समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रणेता स्व. अशोक सिंघल की स्मृति में भारतात्मा पुरस्कारों की स्थापना की गई है। आठवें वर्ष में इन पुरस्कारों के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ वेद विद्यार्थी, आदर्श वेदाध्यापक, उत्तम वेद विद्यालय और वेदार्पितजीवन सम्मान के लिए प्रमाणपत्र के साथ क्रमश: 3 लाख, 5 लाख, 7 लाख और 5 लाख रुपए की राशि दी गई।
शिक्षक दिवस के मौके पर अयोध्या में आयोजित समारोह में उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी के लिए भीलवाड़ा के नारायण लाल शर्मा, आदर्श अध्यापक के लिए आर. राजमौली, उत्तम वेद विद्यालय के रूप में आचार्य गोपालचन्द्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान, काशी को तथा वेदों के लिए जीवन पर्यंत काम करने वाले ब्रह्मश्री विष्णु भट्ल सुब्रमण्यम घनपाठी को वेदार्पितजीवन यानी लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अशोक सिंघल के जीवन को महान बताते हुए कहा कि धर्म की रक्षा के प्रति अशोक सिंघल की प्रतिबद्धता को भुलाया नहीं जा सकता, आज अयोध्या में हम जिस भव्य राम मंदिर को देख पा रहे हैं उसमें अशोक सिंघल का योगदान अतुलनीय है। सिंघल फाउंडेशन के न्यासी संजय सिंघल ने धन्यवाद दिया।
समारोह के दौरान फाउंडेशन के अध्यक्ष सलिल सिंघल ने अतिथियों के स्वागत के साथ स्व. अशोक सिंघल के जीवन और उनके कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. सिंघल वेदों के प्रचार-प्रसार के लिए भी प्रतिबद्ध थे। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने अशोक सिंघल को याद करते हुए बताया कि उन्होंने इन पुरस्कारों का नाम भारतात्मा इसलिए दिया क्योंकि सिंघल की आत्मा में भारत बसता था।