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गैंगरेप कर बच्ची को जिंदा जलाने वालों को फांसी


राजस्थान में POCSO कोर्ट का फैसला; दो भाइयों ने 4 घंटे तक की थी हैवानियत

राजस्थान में शाहपुरा जिले के कोटड़ी में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप कर जिंदा जलाने वालों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस बहुचर्चित मामले में सोमवार को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट-2 ने फैसला सुनाया, जिसमें दोनों दोषियों कालू और कान्हा को मौत की सजा दी है। जज ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर माना। इससे पहले शनिवार 18 मई को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था, जबकि सात आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़ित के माता-पिता भी मौजूद थे। फैसला सुनकर पीड़ित की मां ने कहा कि आज हमें न्याय मिल गया। जिन सात आरोपियों को बरी किया है, उनमें दोनों दोषियों की पत्नी, मां, बहन और अन्य शामिल हैं।

सरकारी वकील महावीर किसनावत ने बताया- नाबालिग लड़की को पिछले साल अगस्त में गैंगरेप के बाद कोयले की भट्‌ठी में जिंदा जला दिया गया था। पुलिस ने एक महीने के अंदर 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध माना। महावीर किसनावत ने बताया- दोनों दोषियों के लिए लगातार फांसी की मांग की जा रही थी। आरोपी कालू ने दो बार रेप किया था। मारपीट करने के बाद मरा हुआ समझकर भट्‌ठी में डाल दिया था।

पहले गैंगरेप, फिर भट्‌ठी में जला दिया
मामला 2 अगस्त 2023 की है। शाहपुरा के कोटड़ी थाना इलाके के एक गांव में 14 साल की नाबालिग सुबह करीब 8-9 बजे मवेशी चराने निकली थी। दोनों भाई कालू और कान्हा उसका मुंह दबाकर भट्‌ठी के पीछे ले गए और 4 घंटे तक गैंगरेप किया। दोनों भाई की पत्नी, मां, बहन और एक नाबालिग को गैंगरेप का पता चल गया। सभी ने चर्चा की कि मामला खुला तो फंस जाएंगे। फिर उसे भट्‌ठी में जला दिया गया।

हमेशा मां-बाप के साथ जाती थी, पहली बार अकेली गई थी
घटना के बाद पीड़ित के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी कभी घर से अकेली नहीं निकली। बेटी, उसकी मां और मेरी रोज की यही दिनचर्या थी कि हम लोग साथ में ही मवेशी चराने निकलते थे। बेटी कभी बोल भी देती कि मैं अकेली जा रही हूं तो मां उसका साथ नहीं छोड़ती थी। 2 अगस्त 2023 को परिवार में कोई विवाद हो गया था। रिश्तेदारी में इस विवाद को सुलझाने के लिए हमें जाना जरूरी था। इस वजह से हम लोग वहां चले गए थे। बेटी अकेली थी तो उसने सोचा कि वह मवेशी लेकर निकल जाए। सुबह करीब 8 से 9 बजे के बीच वह मवेशी लेकर निकल गई और इसके बाद वह नहीं लौटी।


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