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तिरुपति लड्डू विवाद, SC में 5 याचिकाओं पर आज सुनवाई


याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी का सवाल- मंदिर कमेटी ने जांच रिपोर्ट क्यों नहीं दिखाई

आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) में प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच 5 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इनमें से दो मुख्य याचिकाएं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी की तरफ से लगाई गई हैं। एक अन्य याचिका एडवोकेट सत्यम सिंह की तरफ से लगाई गई। कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा। TTD के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी की तरफ से याचिका में कहा गया कि, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने जानबूझकर दस्तावेज जारी किए ताकि भक्तों में भ्रम फैले। याचिका में मंदिर की परंपराओं की रक्षा के महत्व पर जोर दिया गया है, क्योंकि प्रसाद के रूप में लड्डू बनाना भारतीय संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षित एक धार्मिक प्रथा है।

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में एनीमल फैट की बात सामने आने के बाद से लगातार राजनीति हो रही है। डिप्टी CM पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा।

वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जगन 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि YSRCP पार्टी के कार्यकर्ताओं को तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है

पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने और प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोपों के बाद हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। हैदराबाद के सैदाबाद पुलिस स्टेशन में एक वकील ने यह शिकायत दर्ज कराई है।


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