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तिरुपति मंदिर प्रबंधन बोला- प्रसाद अब पवित्र


कहा- 4 लैब रिपोर्ट्स में घी में एनिमल फैट की पुष्टि, सप्लायर के खिलाफ जांच शुरू

आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डूओं की पवित्रता विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा कि प्रसादम अब पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र है। इसे आगे भी रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उधर TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात मानी। शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लड्डू जिस घी से बनाए जा रहे थे, उसके सैंपल्स के 4 लैब रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि हुई है। राव ने कहा कि मंदिर प्रबंधन के पास अपना लैब नहीं था। घी सप्लायर एआर डेयरी फूड्स ने इसका फायदा उठाया। इस बीच शनिवार को केंद्र और राज्य सरकार में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की फैक्ट्री में जांच करने पहुंचे।

TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि

TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया।

CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा

जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सावर्जनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया। नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।


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