अब तक 24 की मौत, इनमें ज्यादातर महिलाएं-बच्चे; गंगा स्नान करने जा रहे थे
उत्तर प्रदेश के कासगंज में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया है। यहां एक ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलटने से अब तक 24 लोगों की मौत हो गई। ट्रॉली में 54 लोग सवार थे। फिलहाल, मौके पर बुलडोजर से रेस्क्यू किया जा रहा है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि सभी लोग एटा के जैथरा के रहने वाले हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसा स्पीड की वजह से हुआ। ड्राइवर के कंट्रोल खोने से ट्रैक्टर सड़क से उतरकर तालाब में जा गिरा। ये लोग माघी पूर्णिमा पर ट्रैक्टर-ट्रॉली से कासगंज स्थित कादरगंज घाट पर गंगा स्नान करने जा रहे थे, तभी रियावगंज पटियाली मार्ग पर गढ़ई गांव के पास हादसा हुआ।
चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग पहुंचे। देखते-देखते बड़ी संख्या में लोग जुट गए। डीएम ने अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
वहीं, 24 लोगों की मौत के बाद जैथरा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के लोग उनके घरों में पहुंच गए हैं, जिनके यहां किसी की मौत हुई है। खुशी वाले गांव में रोने की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
सड़क से 20 फीट गहरा है तालाब
कासगंज- फर्रुखाबाद हाईवे पर जिस जगह हादसा हुआ है, यह जगह दरियागंज से 2 किलोमीटर दूर है। जबकि कासगंज जिला मुख्यालय से घटनास्थल की दूरी 48 किलोमीटर है। तालाब की हाईवे से गहराई 20 फीट है, जिसमें 9 से 10 फीट पानी भरा है।
जिस जगह ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में गिरी, यहां मौके पर पानी के किनारे चप्पल तैरती हुई दिखाई दीं। कई महिलाओं की चुनरी और कपड़े भी पानी पर उतराते दिखे। किसी का मफलर मिट्टी पर मिला, तो किसी के जूते तालाब के बीचो-बीच मिले।
बताया जा रहा है कि पुलिया के बिल्कुल किनारे पर तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में जा गिरी। अगर ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिया से टकराती, तो तालाब में गिरने से बच जाती। सड़क में न साइड है और न ही रेलिंग। यानी सड़क से कोई गिरे, तो सीधे 20 फीट गहरे तालाब में जाएगा।
ट्रैक्टर और पंपिंग सेट से निकाला जा रहा तालाब से पानी
कासगंज-मैनपुरी फर्रुखाबाद हाईवे की पुलिया के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली करीब 12 फीट गहरे तालाब के पानी में गिरी। अब पुलिस प्रशासन ट्रैक्टर और पंपिंग सेट से तालाब से पानी निकलवा रहा है।
नहीं कराया गया शवों का पोस्टमॉर्टम
परिवार के लोग शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे। इस बात को लेकर अस्पताल में विवाद की स्थिति बन गई थी। जिसके बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं भेजा गया है। परिवार के लोगों को शांत कराने के बाद पुलिस सुरक्षा में शवों को एम्बुलेंस से उनके गांव भेजा गया।