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राजस्थान में 3 साल से पहले नहीं होगा तबादला


कर्मचारियों को 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी करनी होगी; ट्रांसफर पॉलिसी बनेगी।

केंद्र सरकार की तर्ज पर अब राज्य सरकार भी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है। सरकार ने इसके लिए एक कॉमन एसओपी जारी की है, जिसे सभी विभागों को भिजवाया है। विभाग के एचओडी अपने अधिकारियों से चर्चा करके जरूरत के अनुसार एसओपी में अपने सुझाव शामिल करेंगे।

सरकार ने जो कॉमन एसओपी जारी की है, उसके तहत किसी भी कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं किया जाएगा। हर कर्मचारी को अपनी सर्विस में कम से कम 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी करनी होगी।

भजनलाल सरकार के आने के बाद फरवरी में जब तबादलों से रोक हटाई तो बड़ी संख्या में विभागों से लिस्ट जारी हुई, लेकिन उन लिस्ट पर विवाद शुरू हो गया। कई कर्मचारियों ने विभाग के ट्रांसफर के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए स्टे ले लिया या आदेश ही निरस्त करवा दिया। इसके अलावा तबादलों को लेकर बड़ी संख्या में आती डिजायर, ग्रेड थर्ड टीचर, डार्क जोन में लगे कर्मचारियों के लंबे समय से तबादले नहीं होने से भी ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की मांग की जा रही थी।

दरअसल, राज्य में तबादलों को लेकर हर बार विवाद होता है। भाजपा की वसुंधरा सरकार (2013-2018) में तत्कालीन मंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने भी तबादला नीति का ड्राफ्ट बनाया था, लेकिन विधायकों की डिजायर के बोझ तले तबादला नीति लागू नहीं हो पाई।

यहां लागू नहीं होगी एसओपी
विभाग की यह एसओपी राजभवन, विधानसभा सचिवालय और राज्य निर्वाचन आयोग में लागू नहीं होगी, जबकि शेष सभी विभागों में लागू की जाएगी। जिन विभागों में कर्मचारियों की संख्या 2 हजार से कम है, उनमें यह एसओपी ऐसे ही लागू की जाएगी।

जिन विभागों में 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, उन विभागों को अपनी सुविधा के अनुसार अपने सुझाव शामिल करते हुए पॉलिसी तैयार करके प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग को भिजवानी होगी। ये नियम बोर्ड, निगम, उपक्रम या स्वायत्तशासी संस्थाओं पर भी लागू होंगे।


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