बिजली का तार सड़क पर टूटकर गिरा, एसई बोले- बच्चों ने रस्सी फेंकी थी
सड़क पर टूटकर गिरे बिजली के तार को छूने से दो बच्चों की मौत हो गई। बच्चों के चिल्लाने पर आस-पास से लोग पहुंचे लेकिन करंट होने कुछ नहीं कर पाए। घटना आदिवासी और जंगल-पहाड़ियों के बीच बसे गांव की है। ऐसे में पुलिस भी देरी से पहुंची।
हादसा उदयपुर जिले के झाड़ोल थानाधिकारी रतन सिंह ने बताया कि ढढ़ावली निवासी कमलेश वडेरा (14) और महेंद्र वडेरा (13) ढढावली सी.सै. स्कूल में पढ़ते हैं। महेंद्र कक्षा 5 और कमलेश कक्षा 7 का छात्र है। दोनों गुरुवार शाम को खेत से घर जा रहे थे। रास्ते में खंभे से बिजली का तार टूटकर सड़क पर गिरा हुआ था। दोनों बच्चों ने गलती से तार को छू लिया और करंट लगने से मौत हो गई। दोनों के चिल्लाने पर आस-पास से ग्रामीण पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। महेंद्र के पिता नहीं है और कमलेश के पिता मजदूरी करते है।
खेलते समय बच्चों ने तार पर रस्सी डाली: एसई
बिजली विभाग उदयपुर के अधीक्षण अभियंता भवानीशंकर शर्मा ने बताया कि पहले से तार टूटने की घटना गलत है। प्राथमिक जांच सामने आया है कि दोनों बच्चे खेल रहे थे। खेलते समय जीआई वायर पर कोई रस्सी या तार जैसी चीज फेंकी थी, जिसे अलग-अलग छोर से दोनों ने पकड़ा हुआ था। यह तार 11केवी की लाइन से टच हो गया। ऐसे में दोनों बच्चों को करंट लग गया। जिससे उनकी मौत हो गई। घटना स्थल पर एक्सईएन और एईएन मौजूद हैं। बाकी जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे।
15 दिन पहले टूटा था तार
ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह झाड़ोल एसडीएम मणिलाल तिरगर को ज्ञापन सौंपा और बिजली विभाग की लापरवाही से दो मासूमों की मौत होने का आरोप लगाया है। ग्रामीण रमेश बडेरा ने बताया कि 15 दिन पहले बिजली का तार टूटकर सड़क पर गिर गया था, जिससे सड़क किनारे एक किसान के खेत में पड़ा सूखा चारा जलकर राख हो गया। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी थी। इसके बावजूद लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों ने कोई सुध नहीं ली। उस वक्त अगर समय पर तार दुरुस्त किया जाता तो आज दोनों बच्चों की जान बच जाती। ग्रामीणों ने लापरवाह विद्युत विभाग के कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग की है।