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पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में दो डॉक्टर अरेस्ट


पुलिस बोली- नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंका, दोनों ने रिपोर्ट भी बदली

पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में क्राइम ब्रांच ने दो डॉक्टर्स को सोमवार (27 मई) सुबह गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि अरेस्ट किए गए ससून जनरल हॉस्पिटल के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरी हरलोर पर नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने आरोप है। पुलिस ने बताया कि आरोपी नाबालिग का दो बार ऐल्कोहॉल ब्लड टेस्ट कराया गया था। इसमें से पहले सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन दूसरे टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दूसरे टेस्ट में आरोपी के ब्लड में ऐल्कोहॉल मिला था। PTI के मुताबिक, डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंक दिया था। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि डॉक्टरों ने नाबालिग की ब्लड रिपोर्ट किसी अन्य शख्स की रिपोर्ट से बदल दी थी, जिसने शराब नहीं पी थी।

क्या है पुणे एक्सीडेंट केस?
18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के आरोपी ने लग्जरी पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी। हादसे में IT सेक्टर में काम करने वाले 24 साल के अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई। तब कार 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही थी।

आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने 23 मई को दावा किया था कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। आरोपी के पिता विशाल ने भी यही बात कही थी। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने भी पहले खुद गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की थी। हालांकि, क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि ड्राइवर को फंसाने की साजिश नाबालिग के पिता और दादा ने साथ में रची थी। ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ IPC की धारा 365 (गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण करना) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या कैद में रखना) के तहत मामला दर्ज किया था।

पुलिस बोली- पोते को बचाने के लिए दादा ने ड्राइवर को कैद रखा
क्राइम ब्रांच के अधिकारी के मुताबिक, 18-19 मई की रात हादसे के बाद आरोपी के दादा और पिता ने नाबालिग को बचाने के लिए ड्राइवर को फंसाने की प्लानिंग की थी। 42 साल के ड्राइवर ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि घटना के तुरंत बाद मुझे सुरेंद्र अग्रवाल का फोन आया। वह फोन पर पहले चिल्लाए। फिर अपनी BMW कार में जबरन बिठाकर मुझे अपने बंगले ले गए। वहां 19-20 मई तक कैद रखा।

ड्राइवर के मुताबिक, नाबालिग के पिता और दादा ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया था। उन्होंने हादसे का इल्जाम लेने के लिए पैसे का लालच दिया और कहा कि वे उसे जल्दी ही जेल से निकाल लेंगे। दोनों ने धमकी भी दी और कहा कि इस बारे में किसी से बात की तो याद रखना। मेरी पत्नी ने मुझे छुड़ाया।

अब तक कुल 9 लोग गिरफ्तार
मामले में आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल, पिता विशाल अग्रवाल और 2 डॉक्टरों समेत अब तक कुल 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें पब का मालिक, 2 मैनेजर और 2 स्टाफ भी शामिल हैं। इनकी पहचान कोजी रेस्टोरेंट का मालिक प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल का मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर और नितेश शेवानी शामिल हैं। इन सब पर नाबालिग आरोपी को शराब परोसने का आरोप है।

2 पुलिस अधिकारी भी सस्पेंड
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि यरवदा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है। 18-19 मई की रात जब कल्याणी नगर में यह हादसा हुआ था, तब इंस्पेक्टर जगदाले और ASI टोडकरी मौके पर पहुंचे थे। हालांकि, दोनों ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी थी। वे आरोपी को घटनास्थल से मेडिकल जांच के लिए भी नहीं ले गए थे।


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