उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में 41 जिंदगियों को बचाने की कोशिश अब आखिरी फेज में है। पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार में ओएसडी भास्कर खुलबे ने बताया कि हम 12-14 घंटे में मजदूरों तक पहुंचेंगे। फिर उन्हें NDRF की सहायता से बाहर लाने के लिए 2 से 3 घंटे लगेंगे।
खुलबे ने ये भी बताया कि अभी 18 मीटर की खुदाई बची हुई है। 6-6 मीटर के 3 पाइप अभी भी डाले जाने बाकी है। एक पाइप डालने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। 18 मीटर की खुदाई के बाद ही रेस्क्यू का काम शुरू होगा। पहले 900 मिमी के 4 पाइप डाले गये थे। बाकी 800 मिमी के पाइप डाले गए।
खुलबे के मुताबिक, 45 मीटर का रास्ता क्लियर है। NDRF की टीम 45 मीटर तक अंदर जा चुकी है। इसका मतलब साफ है कि पैसेज क्लियर है। कल (22 नवंबर) की शाम आखिरी पाइप डालते समय वेल्डिंग की गैस ज्यादा निकल रही थी। ये गैस मजदूरों तक पहुंच रही थी। जब इसकी जानकारी मिली तो काम तुरंत रोक दिया गया। पॉजिटिव बात ये है कि अगर मजदूरों तक धुआं पहुंच रहा है, मतलब हम लक्ष्य के पास हैं। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर पहुंचे हैं।
इससे पहले गुरुवार सुबह खबर आई कि टनल में खुदाई कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन में खराबी आ गई थी, जो ठीक हो गई। इसे ठीक करने के लिए दिल्ली से हेलिकॉप्टर से 7 एक्सपर्ट बुलाए गए।
वहीं, बुधवार 22 नवंबर की रात में ऑगर मशीन के सामने सरिया आ गया था। NDRF की टीम ने रात में सरिया को काटकर अलग कर दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने बताया, ‘रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है। उम्मीद है मजदूर जल्द बाहर आ जाएंगे।’