वाटर होल पद्धति से तीन श्रेणियां में होगी गणना, कैमरा ट्रेप लगाएंगे
राजस्थान में वन्यजीव गणना 23 से 24 मई तक होगी। वन विभाग ने कार्यक्रम जारी कर संबंधित जिलों में गणना कराने को लेकर योजना बनाना शुरू कर दिया है। इस बार की गणना वाटर होल पद्धति से होगी। प्रदेश में कोरोना और उसके बाद तूफान व बारिश से वन्यजीव गणना नहीं हो पाई। अब जाकर इस साल में वन्यजीव गणना का कार्यक्रम बना है।
वन्यजीवों की प्रजाति पर भ्रम हो तो एक्सपर्ट से पहचान कराए
गाइडलाइन में कहा कि वन्यजीवों की प्रजाति एवं लिंग का सही निर्धारण हो। भ्रम की स्थिति में मोबाईल अथवा कैमरे द्वारा फोटो खींचकर किसी विशेषज्ञ से उसकी पहचान कराई जाए। वन्यजीव संख्या आकलन कार्य को सुचारू रूप से सम्पन्न करवाने के लिए संबंधित प्रादेशिक मुख्य वन संरक्षक अपने क्षेत्राधिकार के जिलों के पर्यवेक्षक होगें तथा मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अपने क्षेत्राधिकार में सघन रूप से यह कार्रवाई कराएंगे।
तीन श्रेणियों में होगी वन्यजीव गणना
वन जीव गणना में मांसाहारी, शाकाहारी और रेप्टाइल्स तीन श्रेणियां में गणना की जाएगी। वन्यजीवों में मुख्यतः बाघ, बघेरा, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरू लोमड़ी, भेड़िया, भालू, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, सियागोश, जंगली सुअर, सेही, उड़न गिलहरी प्रमुख रूप से शामिल है।