कहा- मेरे पिता की 1600 करोड़ की संपत्ति, इंडिया में बसना है
कोटा की एक कंपनी के चीफ मैनेजर से विदेशी महिला ने 2.75 करोड़ रुपए ठग लिए। महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहले दोस्ती की। फिर खुद की मजबूरी और 200 मिलियन डॉलर (1600 करोड़) का झांसा देकर मोटी रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। मामला जयपुर के साइबर थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस ने बताया- कोटा के रहने वाले 57 साल के दीपक शर्मा (बदला हुआ नाम) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। करीब 8 महीने पहले फेसबुक पर न्यूयॉर्क की रहने वाली विक्टोरिया गुप्ता नाम की महिला का मैसेज आया। मैसेज में लिखा- उनके पिता सतीश रनवीर गुप्ता है, जो इंडिया के रहने वाले हैं। उसने बताया कि विक्टोरिया के पिता सतीश और मेरे पिता तरुण लाल शर्मा (बदला हुआ नाम) दोनों पहले दोस्त रह चुके हैं। दीपक के पिता का देहांत हो जाने के कारण वह इस बात को कन्फर्म नहीं कर पाए।
पैसे लूटना हुआ शुरू
10 जनवरी 2024 को दिल्ली एयरपोर्ट से भगवत सरन नाम के व्यक्ति ने कॉल किया। खुद को इमिग्रेशन ऑफिसर बताया। कहा- विक्टोरिया उसके साथ है। वो 12 लाख डॉलर का रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड का बैंकर चैक लाई है। चैक के कस्टम रजिस्ट्रेशन के 1.65 लाख रुपए लगेंगे। विक्टोरिया के पास 65 हजार रुपए ही हैं। विक्टोरिया ने 1 लाख रुपए की मदद मांगी। रजिस्ट्रेशन फीस के 1 लाख रुपए इमिग्रेशन ऑफिसर भगवत सरन को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
विक्टोरिया ने बातचीत करने के लिए एक मोबाइल नंबर दिया। कहा- ये मोबाइल नंबर भारत आने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास से लिया है। उसके बाद इस मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप कॉल के जरिए दोनों की अक्सर बात होने लगी। बातचीत के दौरान अक्सर देवर के टॉर्चर करने के बारे में बताती रहती थी। 23 दिसंबर 2023 को बात होने पर विक्टोरिया ने बताया- जनवरी के पहले सप्ताह में वो भारत आ रही है। इंडिया आने के बाद यहीं बसने की प्लानिंग है। बाद में बातचीत करने पर बताया- 10 जनवरी को इंडिया आ रही है। दिल्ली दूतावास का काम कर मुंबई जाकर बसेगी।
वापस चली गई विदेश
26 जनवरी को विक्टोरिया ने उसे बताया कि बच्चों की चिंता हो रही है। वह न्यूयॉर्क जाना चाहती है। बैंक में अकाउंट खुल गया है, एटीएम कार्ड मिल गया है तो बच्चों को ले आती हूं। 29 जनवरी को न्यूयॉर्क पहुंचना बताया। 4 फरवरी को 1.37 करोड़ डॉलर, अगले दिन 4.10 करोड़ डॉलर और 3.10 करोड़ डॉलर बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना बताया। बैंक की ओर से ई-मेल के जरिए सूचना मिलने पर अकाउंट में भी दिखने लगे। इतनी बड़ी रकम के बाद बैंक में 7 फरवरी को यूएस व भारत सरकार के नाम पर आयकर के रूप में 78 लाख रुपए जमा करवाए। 31 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग सर्टिफिकेट के नाम पर 61.75 लाख रुपए और वसीयतनामा के 29.60 लाख और सिग्नेचर व अन्य प्रोसेस चार्ज फीस के नाम पर 31 लाख रुपए जमा करवा लिए।
आपको संरक्षक बना कानूनी हक दिया
1 मार्च को विक्टोरिया ने बताया कि उसके देवर के धक्का देने से सिर में चोट आई है। ब्लड का क्लॉट बन गया है। डॉक्टर ने 4 मार्च को ब्रेन सर्जरी करने के लिए बोला है। 4 मार्च को लास्ट मैसेज कर बताया कि सर्जरी रिकवरी में 10 दिन लग जाएंगे। इस दौरान बात नहीं हो पाएगी। 15 मार्च को बच्चों के साथ भारत आ जाऊंगी। बैंक ने बताया कि न्यूयॉर्क ब्रांच से विक्टोरिया के कॉन्टैक्ट में है। सर्जरी के बाद कोमा में चली गई है। सर्जरी में जाने से पहले सभी कागजात पूरे कर चुकी है। अकाउंट बैलेंस पर संरक्षक के रूप में आपका (दीपक शर्मा) कानूनी हक है।