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ट्रंप ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर लगाए प्रतिबंध


कहा – ICC ने किया शक्तियों का दुरुपयोग, इजरायली PM नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट का विरोध

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। ट्रम्प ने ये कदम इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ ICC की तरफ से जारी अरेस्ट वारंट के बाद उठाया है। ट्रम्प ने आदेश में कहा कि अमेरिका और इजराइल इस कोर्ट के सदस्य नहीं हैं और न ही इसे मान्यता देते हैं। ICC ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने ICC अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही जांच में मदद करने वाले व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने और यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी दिया है।

10 जनवरी को संसद के निचले सदन से बिल पास हुआ अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने 10 जनवरी को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल पास किया था। बिल पर वोटिंग के दौरान 243 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया, वहीं 140 सांसदों ने इसके विरोध में वोट किया। समर्थन करने वालों में रिपब्लिकन पार्टी के 198 और डेमोक्रेटिक पार्टी के 45 सांसद थे। किसी भी रिपब्लिकन सांसद ने बिल का विरोध नहीं किया।

इसका मतलब है कि प्रतिबंध में शामिल सभी लोगों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाएगा। साथ ही इनके अमेरिका जाने पर रोक रहेगी। वीजा नहीं मिलेगा। नेतन्याहू अमेरिकी दौरे पर हैं। उन्होंने 4 फरवरी को व्हाइट हाउस में ट्रम्प से और 6 फरवरी को सांसदों से मुलाकात की थी। ICC ने 21 नवंबर को नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ गाजा में युद्ध अपराध, मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार के मामले में अरेस्ट वारंट जारी किया था।

ICC गिरफ्तारी नहीं कर सकता इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के पास गिरफ्तार करने की शक्तियां नहीं हैं। इसके लिए वह अपने सदस्य देशों पर निर्भर है। वह सिर्फ उन देशों में अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है, जिन्होंने इस कोर्ट की स्थापना करने वाले समझौते पर दस्तखत किए हैं। गुरुवार को हाउस से बिल पास होने के बाद विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने कहा कि एक कंगारू कोर्ट हमारे सहयोगी इजराइल के PM को गिरफ्तारी करना चाहती है, इसलिए अमेरिका ये कानून पारित कर रहा है। नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद कई देशों ने अलग-अलग रुख अपनाया है।

2002 में शुरू हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट 1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की शुरुआत हुई थी। ये संस्था दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं।

अमेरिका पहले भी ICC पर प्रतिबंध लगा चुका अमेरिका पहले भी ICC पर प्रतिबंध लगा चुका है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2020 में ICC पर प्रतिबंध लगाए थे। दरअसल, ICC ने अफगानिस्तान में अमेरिका और फिलिस्तीन में इजराइल की आपराधिक गतिविधियों की जांच शुरू कर दी थी। इसके खिलाफ ट्रम्प प्रशासन ने ICC पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, बाद में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इन प्रतिबंधों को हटा दिया था।


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